मुख्यमंत्री जन आवास योजना-2015 को लग रहा है पलीता, देखें वीडियो…

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UIT's lateness seems to ruin the mission of 'Get everyone home'

आर्थिक दृष्टि से कमजोर और अल्प आय वर्ग के लोगों को घर मिलने की उम्मीदों पर फिर रहा पानी

सात वर्षों बाद भी जरूरतमंदों को नहीं मिला है आशियाना

यूआइटी की लेटलतीफी से सिस्टम का शिकार हो रही आवासीय योजना

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

बीकानेर। आजादी के 75वें साल में ‘सबकों घर मिले’, ये मिशन पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। यूआइटी की लेटलतीफी से सबको घर मिले मिशन को पलीता लग रहा है। मुख्यमंत्री जन आवास योजना-2015 के अन्तर्गत पंडित दीनदयाल आवासीय योजना भी सिस्टम का शिकार होती दिख रही है। इस योजना के तहत अपना आशियाना लेने वाले आर्थिक दृष्टि से कमजोर और अल्प आय वर्ग के लोग आज भी नगर विकास न्यास के चक्कर निकाल रहे हैं।

दरअसल, पंडित दीनदयाल आवासीय योजना के तहत नगर विकास न्यास की ओर से स्वर्ण जयंती विस्तार आवासीय योजना में ईडब्ल्यूएस और एलआइजी वर्ग के लोगों के लिए 1064 (जी+3) फ्लैट्स बनाकर दिया जाना प्रस्तावित किया था। इस परियोजना का निर्माण कार्य भी नगर विकास न्यास के तत्कालीन चैयरमेन महावीर रांका ने शुरू करवा दिया था। उस दौरान न्यास की ओर से सितम्बर, 2020 में आवेदनकर्ताओं को फ्लैट का कब्जा दिया जाना बताया गया था, तब से आज तक आवंटियों को उनके फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया है। जबकि लॉटरी प्रक्रिया से चुने गए ज्यादातर आंवटियों ने निर्धारित किए गए इन फ्लैट का भुगतान भी न्यास की ओर से बताए गए आईसीआईसीआई बैंक के एस्क्रो खाते में जमा करवा दिए हैं। अब इस योजना के तहत लाभ लेने वाले आवंटी आए दिन नगर विकास न्यास कार्यालय के चक्कर निकाल रहे हैं। न्यास कार्यालय की ओर से कोरोनाकाल की वजह से काम समय पर नहीं होना बताया जा रहा है।


चार वर्ष पहले लिए गए थे आवेदन
आर्थिक दृष्टि से कमजोर और अल्प आय वर्ग के लोगों के लिए लाई गई पंडित दीनदयाल आवासीय योजना में आशियाना लेने की चाह रखने वालों के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया 27 जुलाई, 2018 से शुरू की गई, जो कि 16 अगस्त, 2018 तक चली। इसके बाद 6 अक्टूबर, 2018 को इसकी लॉटरी निकाली गई। लॉटरी में आए आवंटियों को किश्तों में अपने फ्लैट का भुगतान करना था, जिसमें 16 किश्तें छोटी राशि की और एक किश्त बड़ी राशि की जमा करवानी थी। ज्यादातर आवंटियों ने अपने फ्लैट का भुगतान कर दिया है।


ये करना था भुगतान
इस योजना में आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लिए फ्लैट की कीमत 4.62 लाख रुपए निर्धारित की गई थी, जिसमें उसके फ्लैट का कारपेट क्षेत्र 350.70 वर्ग फिट का दिया जाना है। वहीं अल्प आय वर्ग में आवेदनकर्ता को 6.60 लाख रुपए का भुगतान करना था, जिसमें उसके फ्लैट का कारपेट क्षेत्र 500.21 वर्ग फिट का प्रस्तावित है। इतना ही नहीं इन दोनों वर्ग के आवेदनकर्ताओं को केन्द्र सरकार की ओर से सब्सिडी व लोन की ब्याज दर में 6.5 प्रतिशत की छूट दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है।

राजनीति की भेंट चढ़ी ये आवासीय योजना
जानकार लोगों के अनुसार प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार ने पंडित दीनदयाल आवासीय योजना की शुरुआत की थी। उस दौरान नगर विकास न्यास के चैयरमेन भी भाजपा नेता महावीर रांका थे। अब प्रदेश में सत्ता बदल कर कांग्रेस के हाथ में आ गई है। न्यास अध्यक्ष पद पर भी कांग्रेस सरकार ने नियुक्ति नहीं की है। ऐसे में न्यास अध्यक्ष का पद अभी कलेक्टर के पास है। राजनीतिक हलकों में चर्चाएं हैं कि कांग्रेस सरकार इस योजना के प्रति कोई खास रुचि नहीं दिखा रही है। अगर सरकार चाहे तो इसी वर्ष इस आवासीय योजना के गरीब आवंटियों को उनका आशियाना भी मिल सकता है और सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी भी उनके बैंक खातों में जमा हो सकती है।


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