हिंदुस्तान का बनेगा नया ‘रक्षक’ बोगीबील पुल, चीन सीमा तक तेजी से पहुंच सकेगा सेना का साज़ो-सामान।
बोगीबील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के सबसे लंबे रेल सह सड़क बोगीबील पुल का उद्घाटन किया। उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने प्रदर्शनी का जायजा भी लिया और पुल की खूबियां जानीं।
इसके बाद पीएम मोदी इस पुल पर पहुंचे और यहां पैदल और अपनी कार के जरिये इस पुल का जायजा भी लिया। इस दौरान उन्होंने नीचे रेल लाइन पर खड़ी तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस में सवार यात्रियों का भी हाल हिलाकर अभिवादन किया।
पीएम मोदी ने दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की वर्षगांठ के अवसर पर इस बोगीबील पुल और उस पर रेल आवागमन की शुरूआत की। पीएम मोदी दोपहर करीब डेढ़ बजे असम के डिब्रुगढ़ पहुंचे थे। यह दिन केंद्र सरकार द्वारा ‘सुशासन दिवस’ के रूप में भी बनाया जाता है।
ये हैं इस पुल खास बातें
तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस सप्ताह में पांच दिन चलेगी।
कुल 4.94 किलोमीटर लंबे इस पुल की मदद से असम के तिनसुकिया से अरुणाचल प्रदेश के नाहरलगुन कस्बे तक की रेलयात्रा में लगने वाले समय में 10 घंटे से ज्यादा की कमी आएगी।
मौजूदा समय में इस दूरी को पार करने में 15 से 20 घंटे का समय की तुलना में अब इसमें साढ़े पांच घंटे का समय लगेगा।
इससे पहले यात्रियों को रेल भी कई बार रेल बदलनी पड़ती थी।
कुल 14 कोचों वाली यह चेयर कार रेलगाड़ी तिनसुकिया से दोपहर में रवाना होगी और नाहरलगुन से सुबह वापसी करेगी।
बोगीबील पुल असम के डिब्रुगढ़ जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण तट को अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती धेमाजी जिले में सिलापाथर को जोड़ेगा।
भारत के पूर्वोत्तर सीमा तक सेना की पहुंच आसान।
चीन की सीमा तक सेना के पहुंचने में वक्त बचेगा।
चीन सीमा पर तैनात सैनिकों तक मदद जल्द पहुंचेगी।
टैंक और सेना के साज़ो-सामान तेजी से पहुंचाए जा सकेंगे।
जरूरत पडऩे पर ब्रिज पर विमानों की लैंडिंग हो सकेगी।
अरुणाचल में किबिथू, वलॉन्ग और चगलगाम चौकियों तक पहुंच आसान।
यह पुल और रेल सेवा धेमाजी के लोगों के लिए अति महत्वपूर्ण होने जा रही है, क्योंकि मुख्य अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और हवाई अड्डा डिब्रुगढ़ में हैं। इससे ईटानगर के लोगों को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि यह इलाका नाहरलगुन से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर है।
एशिया के दूसरे सबसे लंबे रेल-सड़क पुल बोगीबील की मियाद कम से कम 120 वर्ष है। मुख्य अभियंता मोहिंदर सिंह के अनुसार ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 4.94 किलोमीटर लंबा पुल देश का पहला पूर्णरूप से जुड़ा पुल है।
पूरी तरह से जुड़े पुल का रखरखाव काफी सस्ता होता है। इस पुल के निर्माण में 5.900 करोड़ रुपए का खर्च आया है और इसकी मियाद 120 वर्ष है।
इससे असम से अरुणाचल प्रदेश के बीच की यात्रा दूरी घट कर चार घंटे रह जाएगी। इसके अलावा दिल्ली से डिब्रुगढ़ रेल यात्रा समय तीन घंटे घट कर 34 घंटे रह जाएगा। इससे पहले यह दूरी 37 घंटे में तय होती थी।