निकाय चुनाव : छह महीने से ज्यादा दंडित तो नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

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दोष सिद्धि तथा विचाराधीन आपराधिक मुकदमों की सूचना का घोषणा पत्र संलग्न करना होगा जरूरी।

बीकानेर। निकाय चुनाव में छह महीने से ज्यादा का कारावास भुगतने वाला प्रत्याशी बनने के लिए अयोग्य होगा। वहीं दोषसिद्धि व विचाराधीन आपराधिक मुकदमों की सूचना का घोषणा पत्र भी प्रत्याशी को नामाकंन के साथ संलग्न करना जरूरी होगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी कुमारपाल गौतम ने बताया कि निकाय चुनाव में ऐसा कोई भी व्यक्ति प्रत्याशी नहीं बन सकता जिसे किसी सक्षम न्यायालय द्वारा किसी अपराध के लिए दोषसिद्धि करार दिया गया हो और छह महीने से ज्यादा का कारावास सुनाया गया हो। उन्होंने बताया कि केंद्रीय, राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी के अधीन वर्तनी की अंशकालिक नियुक्ति धारण करने वाले व्यक्ति को भी इस चुनाव में प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने का अधिकार नहीं होगा। प्रत्याशी को नामांकन पत्र भरते समय दोषसिद्धि अथवा विचाराधीन आपराधिक मुकदमों की सूचना का घोषणा पत्र संलग्न करना जरूरी होगा।

दो से ज्यादा संतान तो नहीं भी नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अधिनियम के तहत किए गए प्रावधानों के अनुसार दो से ज्यादासंतान वाला व्यक्ति भी चुनाव में प्रत्याशी नहीं बन सकता है। हालांकि किसी एकल प्रसव से जन्मी हुई सभी संतानों की संख्या को एक माना जाएगा और दत्तक में दिए गए किसी बच्चे को बच्चों की संख्या की गणना करते समय अप वर्जित नहीं किया जाएगा।

शनिवार को भी जमा होंगे नामांकन, रविवार को अवकाश

नगर निगम चुनाव के लिए शनिवार को भी नामांकन पत्र जमा करवाए जा सकेंगे। रविवार को अवकाश रहेगा। नामांकन पत्र भरने के प्रथम दिन यानि आज वार्ड संख्या 63 से एक प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया।

निर्दलीय प्रत्याशी के लिए होंगे 5 प्रस्तावक

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रत्याशी को किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल से नामांकन पत्र भरने के लिए एक प्रस्तावक तथा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए 5 प्रस्तावक जरूरी होंगे। साथ ही अभ्यर्थी का नाम क्षेत्र के किसी वार्ड की मतदाता सूची में शामिल होना भी जरूरी होगा।

Kamal kant sharma newsfastweb.com

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