नियमों के मुताबिक प्रत्याशी को अपने पर चल रहे आपराधिक मामलों की सूचना समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों पर करवानी होती है प्रकाशित।
बीकानेर। कुछ दिनों बाद में नगर निगम के होने वाले चुनाव के लिए दागदार दावेदारों ने भी पूरी तैयारी कर ली है। दागदार दावेदारों ने चुनाव मेंं अपनी ताल ठोकने के लिए राजनीति आकाओं से भी संरक्षण मांग लिया है।
राजनीति से जुड़े लोगों ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि इस बार महापौर का चयन पार्षदों द्वारा किए जाने के नियम की वजह से पार्षद का चुनाव लडऩे वालों की तादाद अच्छी-खासी हो गई है। प्रमुख राजनीतिक दलों से टिकट हासिल करने की चाह रखने वालोंं में दागदार भी काफी शामिल हो गए हैं। ऐसे बहुत से दबंग हैं जो इस बार अपना आपराधिक रेकॉर्ड होने के बावजूद भी निकाय चुनाव में उतरने की तैयारी में कई दिनों पहले ही लग गए थे। हालांकि कौनसी पार्टी किस-किस को टिकट देगी और अपना प्रत्याशी घोषित करेगी, ये तो अब कुछ दिन बाद ही साफ हो जाएगा ही लेकिन शहर के दबंग छवि के लोगों में शुमार होने वाले और राजनीतिक दलों के नेताओं व पदाधिकारियों से संरक्षण हासिल करने वाले दागदारों ने अपनी दावेदारी जता दी है।
कई दागदार नेता तो ऐसे भी हैं, जो पिछले पौने पांच साल में अपने वार्ड या मोहल्ले की समस्याओं को उठाने, समाधान करवाने में खुद के योगदान का महिमामंडन सोशल मीडिया पर पोस्ट कर के अपने आप को पार्षद का प्रत्याशी घोषित करने में लगे हैं।
कैसे होगा राजनीति में शुद्धिकरण
वैसे तो सभी राजनीतिक दल राजनीति में शुद्धिकरण करने के दावे करते हैं लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इस बार नगर निगम में शहर को 80 वार्ड में बांटा गया है। दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की संख्या की बात करे तो 160 संख्या आती है। प्रत्याशी घोषित होने के बाद ये देखने वाली बात होगी कि इनमें से कितने प्रत्याशी साफ छवि वाले हैं और जनता का भला करने की सोच रखते हैं।
चुनाव आयोग है सख्त
राजनीति में शुद्धिकरण के लिए चुनाव आयोग सख्त है। चुनाव आयोग ने नियम कर रखा है कि अगर किसी प्रत्याशी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं या न्यायालय में विचाराधीन हैं तो इसकी समस्त जानकारी समाचार पत्र और न्यूज चैनल में प्रकाशित करवानी होगी। साथ ही इसकी सूचना साक्ष्यों सहित जिला निर्वाचन अधिकारी को देनी होगी।
Kamal kant sharma newsfastweb.com