पीएम मोदी कैबिनेट ने आज नई शिक्षा नीति के प्रस्ताव को दी मंजूरी
बीकानेर/नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी कैबिनेट ने आज नई शिक्षा नीति के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ये फैसला किया है। शिक्षा नीति में ये बदलाव 34 साल बाद हुआ है।
जानिएं नई शिक्षा नीति से जुड़ी दस बड़ी बातें-
-5वीं तक कम से कम और आठवीं और उससे आगे भी मुमकिन हुआ तो स्थानीय भाषा या मातृभाषा में पढऩा होगा। यानी कि हिंदी, अंग्रेजी जैसे विषय भाषा के पाठ्यक्रम के तौर पर तो होंगे लेकिन बाकी पाठ्यक्रम स्थानीय भाषा या मातृभाषा में होंगे।
-अभी तक देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता है लेकिन अब ये 5+ 3+3+4 के हिसाब से होगा। यानी कि प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवी तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवीं से 12 तक आखिरी हिस्सा होगा। बारहवीं में बोर्ड की परीक्षा होगी लेकिन उसमें भी कुछ बदलाव होंगे। -छात्र अपनी मर्जी और स्वैच्छा के आधार पर विषय का चयन कर सकेंगे। अगर कोई छात्र विज्ञान के साथ संगीत भी पढऩा चाहे तो उसे ये विकल्प होगा। दसवीं की परीक्षा और उसके स्वरूप को लेकर अभी असमंजस की स्थिति है। वोकेशनल पाठ्यक्रम कक्षा छठी से शुरू हो जाएंगे।
-बोर्ड परीक्षा को ज्ञान आधारित बनाया जाएगा और उसमें रटकर याद करने की आदतों को कम से कम किया जाएगा।
-बच्चा जब स्कूल से निकलेगा तो ये तय किया जाएगा कि वो कोई ना कोई स्किल लेकर बाहर निकले।
-बच्चा स्कूली शिक्षा के दौरान अपनी रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में भी भूमिका निभाएगा। अब तक रिपोर्ट कार्ड केवल अध्यापक लिखता है, लेकिन नई शिक्षा नीति में तीन हिस्से होंगे। पहला बच्चा अपने बारे में स्वयं मूल्यांकन करेगा, दूसरा उसके सहपाठियों से होगा और तीसरा अध्यापक के जरिए।
-हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। उनके लिए एमए एक साल में करने का प्रावधान होगा।
-अब छात्रों को एम फिल नहीं करना होगा। एम ए के छात्र अब सीधे पीएचडी कर सकेंगे।
-नई नीति स्कूलों और एचईएस दोनों में बहुभाषावाद को बढ़ावा देती है। राष्ट्रीय पाली संस्थान, फारसी और प्राकृत, भारतीय अनुवाद संस्थान और व्याख्या की स्थापना की जाएगी।
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com