बीकानेर : अवैध हथियारों का हो रहा जमकर उपयोग

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बीकानेर

बीकानेर में कई हो चुकी हैं वारदातें, सोमवार रात सुभाषपुरा क्षेत्र में भी हुई फायरिंग, लोग कह रहे हैं क्या कर रही है पुलिस ?

बीकानेर। प्रदेश में अवैध हथियारों के खिलाफ पुलिस और अन्य जांच एजेन्सियां कितने ही अभियान चलाए लेकिन अवैध हथियारों का उपयोग अभी तक जारी है। फायरिंग करने वाले फायर कर फरार हो रहे हैं, पुलिस और आमजन परेशान हो रहे हैं, डरे-सहमे हैं। प्रदेश के तकरीबन सभी जिलों में अवैध हथियारों के उपयोग के समाचार आए दिन प्रकाशित हो रहे हैं। हैरानी की बात यह है पुलिस महकमे के आला अधिकारियों ने अभी तक अवैध हथियारों की धरपकड़ के लिए कोई विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश जारी नहीं किए हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि पुलिस क्या कर रही है?

22 राज्यों से आगे है राजस्थान

अवैध हथियारों के मामले में राजस्थान तेजी से बदनाम होता जा रहा है। न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में सिर्फ यूपी और एमपी ही राजस्थान से आगे हैं। प्रदेश के मेवात, शेखावाटी और बीकानेर संभाग में अवैध हथियारों का कारोबार पैर पसार रहा है। साल 2014 से 2017 तक एनसीआरबी के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो एमपी में तीन लाख से ज्यादा और यूपी में एक लाख से ज्यादा अवैध हथियार पकड़े गए। वहीं राजस्थान में इनकी संख्या 22 हजार से ज्यादा थी। बीते डेढ़ साल में प्रदेश में आठ हजार से भी ज्यादा अवैध हथियार पुलिस बरामद कर चुकी है। गौरतलब है कि बीते छह महीनों के दौरान तो विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने के बाद भी अवैध हथियारों पर लगाम नहीं लग सकी है।

यहां भी हो चुकी हैं दर्जनों वारदातें

बीकानेर शहर की बात करें तो पिछले एक महीने के दौरान यहां पिस्तौल और तमंचों का उपयोग करने की दर्जनों वारदातें हुई हैं। न्यूजफास्ट वेब को मिले वीडियो के मुताबिक अभी हाल ही में गंगाशहर इलाके में स्थित एक मकान पर रात के समय में दो युवकों ने दनादन फायर किए थे। इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में दोनों युवकों के चेहरे साफ नजर आ रहे थे।

सोमवार रात को सुभाषपुरा क्षेत्र में हुई वारदात में भी दो जनों की ओर से आग्नेय हथियारों से फायर किया जाना बताया जा रहा है। हैरानी की बात है कि इसके बावजूद पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ सकी है। इसके अलावा भी ऐसी कई वारदातें हुई हैं जिनमें पिस्तौल और तमंचों का इस्तेमाल किया गया है। इसके बावजूद भी पुलिस की प्रभावी कार्रवाई होती नहीं दिखाई दी है।

 

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