बाड़मेर : अब 50 परिवारों ने की हिंदू धर्म में घर वापसी

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Barmer: now 50 families return home to Hinduism

वर्षों से हिन्दू रीति-रिवाज का कर रहे थे पालन

प्रदेश के बाड़मेर में 50 मुस्लिम परिवारों के हिंदू धर्म में आने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि मुगल काल में इन्हें जबरन इस्लाम धर्म कबूल करवाया गया था।

बाड़मेर जिले के सिणधरी उपखण्ड के मोतीसरा गांव में रहने वाले 50 मुस्लिम परिवारों के बुजुर्ग सुभनराम ने बताया कि हम मुगल काल में मुस्लिमों ने हमे डरा धमकाकर मुस्लिम बनाया था लेकिन हम हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते थे। मुस्लिम हमसे दूरी रखते थे। इतिहास की जानकारी होने के बाद हमने इस चीज के ऊपर गौर किया कि हम हिंदू हैं और हमें वापस हिंदू धर्म में यह जाना चाहिए। हमारे रीति रिवाज पूरे हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं। इसी के बाद पूरे परिवार ने हिंदू धर्म में वापसी की इच्छा जताई और फिर घर पर हवन यज्ञ करा जनेऊ पहनकर परिवार के सभी 250 सदस्यों ने फिर से हिंदू धर्म में वापसी कर ली।

हरजीराम के मुताबिक कंचन ढाढी जाति से ताल्लुक रखने वाला परिवार पिछले कई सालों से हिंदू रीति रिवाजों का पालन कर रहा था। वह हर वर्ष अपने घरों में हिंदू त्यौहारों को ही मनाते हैं। इन्हीं परिवार से विन्जाराम ने बताया कि उन्होंने कभी भी कोई धार्मिक कार्य मुस्लिम रीति रिवाज से नहीं किया। हंसराज के अनुसार पुरातन काल में मुगल बादशाह के समय जबरदस्ती धर्मांतरण करवाया गया था, लेकिन हम हिंदू देवी देवताओं को मानते थे और हिंदू धर्म से ही संबंध रखते थे। राम जन्म भूमि पर राम मंदिर के शिलान्यास के समारोह पर हम सभी ने हवन पूजा पाठ का प्रोग्राम रखा और हिंदू संस्कृति का पालना करते हुए हमने अपनी स्वेच्छा से वापस घर वापसी की है। हमारे ऊपर कोई दबाव वगैरह नहीं है।

उन्होंने कहा, अब कोरोना के चलते गांव में राम जन्मभूमि शिलान्यास के मौके पर सरपंच को बोलकर खुद हवन करवाया। इतना ही नहीं गांव में ढाढी जाति के 50 परिवारों में से एक दर्जन यहां मंदिर बने हुए हैं और परिवार में सभी के नाम हिंदू धर्म के हैं। उन्होंने बताया कि औरंगजेब के समय उनके पूर्वज हिंदू थे और दवाब के चलते पूर्वजों ने मुस्लिम धर्म को अपना लिया था, लेकिन अब शिक्षित परिवार के युवकों को इसका ज्ञान हुआ तो पूरे परिवार ने सहमति से बिना किसी दवाब में आकर हिंदू धर्म को अपना लिया। हरुराम ने राम मंदिर के शिलान्यास पर हमें बहुत खुशी हुई और हमने अपने घरों में दीप प्रज्वलित कर हवन का प्रोग्राम रखा और अपनी स्वेच्छा से हिन्दू धर्म ग्रहण किया।

वहीं गांव के पूर्व सरपंच प्रभुराम कलबी ने बताया कि ढाढी जाती के परिवार के सदस्यों ने बिना किसी दबाव और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है। संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है। इसमें किसी को कोई आपत्ति भी नहीं, बल्कि पूरे गांव ने इनके इस फैसले का सम्मान किया है।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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