संविदा नियुक्ति नियमावली-2022 में शामिल करने की रखी है मांग
अभी गेस्ट फैकल्टी के रूप में श्रमिकों की तरह किया जा रहा है व्यवहार
बीकानेर। विद्या संबल योजना में नियुक्त सहायक आचार्यों ने सरकार से अपना हक देने की मांग रखी है। अभी हाल बीकानेर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रूबरू हुए सहायक आचार्यों के प्रतिनिधिमण्डल ने प्रदेश में विद्या संबल योजना में नियुक्त हुए सभी सहायक आचार्यों को संविदा नियुक्ति नियमावली-2022 में शामिल करने की मांग की है।
गौरतलब है कि उच्च अध्ययन प्राप्त कर चुके इन सहायक आचार्यों के साथ पिछले कई वर्षों से सरकार श्रमिकों जैसा व्यवहार कर रही है। इन सहायक आचार्यों को कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रूप में नियुक्त किया जाता है और प्रत्येक पीरियड (कालांश) के आधार पर पारिश्रमिक दिया जाता है। जिससे सहायक आचार्यों का स्वयं का खर्च भी उठाना मुश्किल होता है लेकिन समाज के तानों और बेरोजगार होने का टैग लगने से बचने के लिए ये मजबूरीवश श्रमिकों की तरह कार्य कर रहे हैं। प्रदेश के कॉलेज प्रशासन जब जरूरत होती है तब इन्हें काम करने के लिए बुला लेता है और जब जरूरत खत्म हो जाती है तो इन्हें वापिस हटा देता है। सरकारी अवकाश के साथ-साथ कार्यदिवस में इनके द्वारा कालांश नहीं लिए जाने वाला दिन भी इनके लिए अवकाश ही साबित होता है।
प्रतिनिधिमण्डल में शामिल डॉ. अशोक कुमार फुलवारिया ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत को ज्ञापन देकर अवगत कराया गया है कि विद्या संबल योजना के तहत नियुक्त सहायक आचार्यों को सरकार की संविदा नियुक्ति नियमावली-2022 में शामिल कर लिया जाए तो सभी सहायक आचार्यों को काफी फायदा मिल सकेगा और वे कॉलेज के वार्षिक सभी कार्य दिवसों में अध्ययन कार्य को बेहतर तरीके से करवा सकेंगे।
प्रतिनिधिमण्डल में डॉ. फुलवारिया के साथ डॉ. आशा खत्री, डॉ. सीमा खडग़ावत, डॉ. प्रभा शेखावत, डॉ. चम्पा मौर्य, डॉ. भारती सांखला, प्रवीण रंगा, आकांक्षा गहलोत, भींवराज मेघवाल सहित कई सहायक आचार्य शामिल रहे।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com