पीबीएम सुधार संघर्ष समिति के पदाधिकारी भी रहे शामिल
बीकानेर। मेडिकल छात्रों की फीस बढ़ोतरी किए जाने के कारण मेडिकल कॉलेज के छात्रों में काफी गुस्सा है। फीस 50 हजार रुपए किए जाने और हर साल दस प्रतिशत बढ़ोतरी किए जाने के कारण छात्रों में काफी निराशा भी देखने को मिली है।
आज फीस बढ़ोतरी को लेकर विद्यार्थियों ने मेडिकल कॉलेज के सामने अपना विरोध भी जताया। इस दौरान पीबीएम अस्पताल सुधार संघर्ष समिति के संयोजक बजरंग छींपा एडवोकेट, शिवलाल जाट एडवोकेट, अशोक कुमार एडवोकेट, मनोज कुमार भी मौजूद रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद मेडिकल विद्यार्थियों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध प्रकट किया। साथ ही बढ़ी हुई फीस वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन में शामिल मेडिकल विद्यार्थियों ने चेतावनी भी दी कि अगर जल्द ही उनकी इस वाजिब मांग को पूरा नहीं किया गया तो सभी चिकित्सा संगठनों को साथ जोड़कर प्रदेश में आंदोलन तेज किया जाएगा।
वहीं पीबीएम सुधार संघर्ष समिति के संयोजक बजरंग छींपा ने कहा कि एक तरफ तो सरकार सबको शिक्षा सबको काम का नारा दे रही है और दूसरी तरफ मेडिकल विद्यार्थियों में फीस बढ़ोतरी कर हजारों मेडिकल छात्रों के हितों पर कुठाराघात कर रही है। मेडिकल शिक्षा में फीस बढ़ोतरी किए जाने से कमजोर आर्थिक स्थिति के छात्रों पर विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से आए विद्यार्थियों पर आर्थिक भार पड़ेगा। बहुत से विद्यार्थी फीस बढ़ोतरी की वजह से शिक्षा से भी वंचित रह सकते हैं। ऐसे में सरकार को मेडिकल शिक्षा में बढ़ोतरी की गई फीस को कम करना चाहिए।