सूर्य ग्रहण पर 148 साल बाद अद्भुत संयोग, जानिए कहां दिखाई देगा…

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Amazing coincidence after 148 years on solar eclipse, know where it will be visible

ग्रहण के दिन शनि जयंती भी, अद्भुत है ये संयोग

लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में आ सकता है नजर

बीकानेर। साल का पहला सूर्य ग्रहण कल यानि 10 जून को लगने वाला है। सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के ठीक बीच में होगा। तीनों खगोलीय पिंड एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होंगे। इससे पहलेए 26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगा था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 10 जून को लगने वाला सूर्यग्रहण इसलिए भी खास बताया जा रहा रहा है कि ग्रहण पर शनि जयंती का भी योग बन रहा है। साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में सभी जगहों पर नजर नहीं आएगा, लेकिन इस नजारे को आखिरी समय में बेहद कम समय के लिए लद्दाख की उत्तर सीमाओं और अरुणाचल प्रदेश की दिबांग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से शाम को तकरीबन 5 बजकर 52 मिनट पर देखा जा सकेगा।

इसलिए है विशेष संयोग

10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण इसलिए भी खास है, क्योंकि शनि जयंती पर ग्रहण का योग करीब 148 साल बाद बन रहा है। इससे पहले शनि जयंती पर सूर्यग्रहण 26 मई, 1873 को हुआ था। गौरतलब है कि मान्यता है कि सूर्य और शनि देव पिता-पुत्र हैं।नासा ने 10 जून को लगने वाले सूर्यग्रहण के बारे में कहा है कि सूर्य ग्रहण रिंग ऑफ फायर की तरह नजर आएगा। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी पर पहुंचने वाली सूर्य की पर्याप्त किरणों को ब्लॉक कर देगा। ऐसे में पृथ्वी पर मौजूद लोगों को कुछ समय सूर्य का नजारा किसी चमकती अंगूठी की तरह नजर आएगा।

रिंग ऑफ फायर को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब चंद्रमा सूर्य के पूरे भाग को अपनी छाया में नहीं ढक पाता है। इस स्थिति में सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्रमा के पीछे से चमकता है और उसका नजारा आग में तपती एक अंगूठी जैसा होता है। इसे ही रिंग ऑफ फायर कहते हैं।

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI WWW.NEWSFASTWEB.COM

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