अजय माकन आए थे खाई भरने पर कांग्रेस में बढ़ गई और गुटबाजी

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Ajay Maken came to fill the gap and increased factionalism in Congress

गहलोत व पायलट समर्थकों ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

कांग्रेस विधायकों ने खुलकर की माकन से शिकायतें

बीकानेर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन प्रदेश के दौरे पर आए तो थे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट सहित अन्य कांग्रेसियों के बीच की खाई को भरने लेकिन जमीनी स्तर पर गुटबाजी पहले से और ज्यादा बढ़ गई है।

गहलोत और पायलट समर्थक विधायकों व नेताओं ने जहां एक-दूसरे के खिलाफ जमकर शिकायत कीं, वहीं सरकार में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने की बात भी कही गई। विधायकों व संगठन के पदाधिकारियों ने माकन से कहा कि मंत्रियों की ही अधिकारी नहीं सुनते हैं तो हमारा क्या होगा। अधिकारी मंत्रियों के फोन ही नहीं रिसीव करते हैं। मंत्री ही अधिकारियों से परेशान हैं। गौरतलब है कि गहलोत और पायलट के बीच एक महीने तक चले विवाद के कारण दोनों के समर्थकों में जमीनी स्तर पर बढ़ी दूरी खत्म करने के मिशन के तहत ही माकन दो दिन के प्रदेश के दौरे पर आए थे। इसी सिलसिले में उन्होंने जयपुर संभाग के नेताओं के साथ संवाद किया था।

सत्ता के गलियारों में पहुंच रखने वाले लोगों से मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान विधायकों ने खुलकर सरकार में सुनवाई नहीं होने की बात उनसे कही थी। विधायकों ने बताया था कि मंत्री फोन ही नहीं उठाते और ना ही मिलते हैं। अगर मंत्री मिल भी गए तो अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं। पायलट समर्थक विधायकों ने सरकार में अपनी सुनवाई नहीं होने की बात माकन से कही है। पायलट के विश्वस्त विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, मुरारीलाल मीणा, जीआर खटाणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत व बृजेंद्र ओला ने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हैं। इन विधायकों ने सरकार में कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होने की बात कही है। पायलट समर्थक सुरेश मिश्रा ने माकन को बताया था कि सरकार में उनकी बिल्कुल नहीं चलती और उनसे दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है।

वहीं, गहलोत खेमे के विधायक अमिन कागजी की ओर से कहा गया कि मेरे विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों के बारे में पूछा तक नहीं जाता। मंत्री और अधिकारी अपनी मर्जी से काम करते हैं। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव सुशील शर्मा ने कहा कि संवैधानिक पद खाली पड़े हैं। सरकार का डेढ़ साल का कार्यकाल पूरा हो गया है, लेकिन इन पदों के नहीं भरे जाने से पार्टी को नुकसान हो रहा है। इस दौरान गहलोत व पायलट समर्थकों ने एक-दूसरे पर पार्टी को कमजोर करने के आरोप भी लगाए। माकन जब प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में नेताओं से मिल रहे थे तभी दौसा से आए पायलट समर्थकों को प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस पर उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी थी और धरने पर बैठ गए थे। हालांकि कुछ ही देर बाद उन्हें प्रवेश दे दिया गया था। फिलहाल अजय माकन सहित पार्टी आलाकमान सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल की कोशिशों में जुटा हुआ है।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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