आरटीई में दिया छात्रा को प्रवेश, फिर पांच वर्षों से वसूल रहे फीस

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Admitted to RTE student, then fees charged for five years

निजी स्कूलों द्वारा नियम ताक पर रखने की कवायद जारी

शिक्षा निदेशक तक पहुंचा मामला, अब कार्रवाई की उम्मीद

बीकानेर। निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों का खून किस प्रकार निचोड़ा जा रहा है, इसका ताजा उदाहरण अभी हाल ही में देखने को मिल रहा है। एक निजी स्कूल ने आरटीई के तहत छात्रा को प्रवेश तो दे दिया लेकिन दो वर्षों बाद ही उससे पांच वर्षों तक फीस वसूली गई। फिलहाल भ्रष्टाचार का यह मामला शिक्षा निदेशक के पास पहुंच गया है।

छात्रा के पिता अशोक कुमार ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि उन्होंने वर्ष, 2011-12 में आरटीई के तहत अपनी बेटी का प्रवेश खतूरिया कॉलोनी स्थित टेरेसा चिल्ड्रन अकेडमी सीनियर सैकेण्डरी स्कूल में करवाया था। 2011-12 व 2013-14 सत्र तक स्कूल प्रबंधन ने कोई फीस नहीं ली लेकिन वर्ष, 2014-15 से सत्र 2019-20 तक उसकी बेटी की फीस उनसे स्कूल प्रबंधन ने वसूल की है। उन्होंने बताया कि फीस वसूले जाने पर उन्होंने स्कूल प्रबंधन से वार्ता की जिसमें उन्होंने स्कूल प्रबंधन से कहा कि ‘उनकी बेटी का प्रवेश आरटीई के तहत हुआ है तो आठवीं कक्षा तक उसकी नि:शुल्क शिक्षा रहेगी। ऐसे में वे फीस किस आधार पर वसूल रहे हैं। तब स्कूल प्रबंधन का उनसे कहना था कि सरकार बदल गई है, उक्त योजना को सरकार ने बंद कर दिया है, अब नि:शुल्क प्रवेश दिया जाना बंद कर दिया गया है। इसलिए वे उनसे फीस ले रहे हैं।’

टेरेसा चिल्ड्रन अकेडमी के प्रबंधन द्वारा आर्थिक प्रताडऩा झेल रहे अशोक कुमार ने बताया कि इस बारे में शिक्षा निदेशक सौरव स्वामी को भी अवगत कराया गया है जिसमें उनसे फरियाद की गई है कि टेरेसा चिल्ड्रन अकेडमी स्कूल प्रशासन द्वारा उसकी बेटी को आरटीई के तहत प्रवेश दिए जाने के बाद सत्र 2014-15 से 2019-20 तक वसूली गई फीस के मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा उसे उसकी बेटी की स्कूल में जमा कराई गई सारी फीस वापिस दिलवाई जाए। साथ ही उक्त स्कूल के खिलाफ यथासंभव विभागीय कार्रवाई करवाई जाए।

गौरतलब है कि अशोक कुमार की जागरूकता की वजह से निजी स्कूल के भ्रष्टाचार का यह मामला सामने आ गया लेकिन हकीकत ये है कि निजी स्कूल संचालक मनमर्जी तरीकों से अभिभावकों का खून चूसने में लगे हुए हैं। जिसे देखकर सहज अंदाजा लग जाता है कि निजी स्कूलों पर सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कोई नियंत्रण नहीं हैं। जो कुछ नियंत्रण है भी तो वह निजी स्कूल संचालकों द्वारा ‘लक्ष्मी कृपा’ से हटवा दिया जा रहा है।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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