महंगाई पर केन्द्र सरकार को कोसने वाले नहीं देख रहे हैं अपना प्रदेश
बीकानेर। प्रदेश के उपभोक्ताओं पर फिर से महंगाई की मार पडऩे वाली है। सरकार जल्दी ही बिजली दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है। पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस सहित अन्य महंगाई पर केन्द्र सरकार को कोसने वाली गहलोत सरकार अपने प्रदेश में नहीं झांक रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग डिस्कॉम्स की टैरिफ बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम ने इस बार बिजली यूनिट की दरें बढ़ाने की वजह स्थाई शुल्क, विद्युत भार, कनेक्शन परिवर्तन सहित अन्य दरों में इजाफे की मांग की है। जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम की सुनवाई पूरी हो चुकी है। जयपुर डिस्कॉम की सुनवाई के बाद आरईआरसी कोई प्रभावी निर्णय ले सकता है।
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग राज्य की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से दायर टैरिफ पीटिशन पर जनसुनवाई कर रहा है। सुनवाई ऑनलाइन होने के कारण लोगों की आपत्ति-सुझाव पर चर्चा की औपचारिकता निभाई जाएगी। अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम की सुनवाई हो चुकी है। अब जयपुर डिस्कॉम का नम्बर है।
5 प्रतिशत फिक्स चार्ज बढ़ाना है प्रस्तावित
डिस्कॉम्स ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा के नाम पर फिक्स चार्ज बढ़ाना प्रस्तावित किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा के नाम पर बिजली कंपनियां फिक्स चार्ज बढ़ाने की तैयारी में है। इसमें अघरेलू उपभोक्ताओं (कॉमर्शियल, संस्थानिक, औद्योगिक) के लिए विद्युत दर कम करके फिक्स चार्ज बढ़ाने का फार्मूला सुझाया गया है। इसके तहत 5 प्रतिशत विद्युत दर कम करके 5 प्रतिशत ही फिक्स चार्ज बढ़ाना प्रस्तावित है जबकि सालाना 12 हजार यूनिट बिजली खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं से यूनिट की बजाय लोड के आधार पर फिक्स चार्ज लेने का खाका बनाया गया। टैरिफ पीटिशन में इसकी अनुमति चाही है।
उपभोक्ताओं पर एक बार फिर पड़ सकती महंगाई की मार
याचिका को लेकर बिजली कंपनियों का तर्क है कि व्यवस्था को बेहतर बनाया जा रहा है, इससे केवल कुछ ही बड़े उपभोक्ताओं पर ही वित्तीय भार आएगा। हालांकि कोरोना वायरस के चलते घरेलू, कमर्शियल और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर बढ़ी हुई बिजली दरों की मार पहले से है। ऐसे में महंगी दर पर बिजली शुल्क झेल रहे प्रदेश के उपभोक्ताओं पर एक बार फिर से मार पड़ सकती है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI WWW.NEWSFASTWEB.COM