कैबिनेट से दिग्गजों की हो सकती है छुट्टी, गहलोत का प्लान तैयार

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Veterans may get leave from cabinet, Gehlot's plan is ready
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2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी

पायलट खेमे को एडजस्ट करने की होगी कोशिश

बीकानेर। पिछले डेढ़ वर्ष से प्रदेश कांग्रेस में चल रही कलह को खत्म करने में अब पार्टी आलाकमान सक्रिय हो गया है। कैबिनेट विस्तार के लिए अशोक गहलोत सहित अन्य पार्टी नेताओं से बात करने के लिए कांग्रेस संगठन के महासचिव वेणुगोपाल और पार्टी के प्रभारी महासचिव अजय माकन कांग्रेस की कलह को खत्म करने के लिए जयपुर पहुंच चुके हैं।


राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की कवायद को अंतिम रूप दे दिया गया है। पार्टी आलाकमान के सुलह के फार्मूले पर सभी की सहमति के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से तारीख का इंतजार है। प्रदेश में साल 2023 में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मास्टरस्ट्रोक नजर आ सकता है। कहा ये भी जा रहा है कि सीएम इस विस्तार में पायलट खेमे के विधायकों को एडजस्ट करने की कोशिश करेंगे।

प्रदेश में मिशन 2023 का प्लान तैयार

मिशन 2023 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीएम बड़ी संख्या में मंत्रियों की छुट्टी कर अनुभवी और डिलीवरी वाले विधायकों को मौका दे सकते हैं। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार पूरी तरह से आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जाएगा। जिसमें जातीय, सियासी और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के साथ-साथ मुख्यमंत्री गहलोत उन नेताओं पर भरोसा करेंगे जिनकी जनता के बीच छवि अच्छी हो और जो सरकार की योजनाओं की न केवल बेहतर डिलीवरी कर सकें बल्कि जिनमें सरकार को सत्ता में लौटाने का मादा भी हो।

गहलोत ने तैयार किया मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड

राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों सभी मंत्रियों का परफॉर्मेंस रिपोर्ट कार्ड तैयार किया था। इसी परफॉर्मेंस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर मंत्रियों की छुट्टी की जाएगी। छुट्टी होने वाले मंत्रियों को संगठन में अहम जगह दी जा सकती है।

प्रदेश की जनता गहलोत को फिर देगी मौका?

दरअसल, प्रदेश में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत का सबसे बड़ा लक्ष्य राज्य में कांग्रेस की सरकार को फिर से दोबारा लाना है। हालांकि इससे पहले अशोक गहलोत जब दो बार मुख्यमंत्री रहे थे तब दोनों ही बार उनकी सरकार सत्ता में फिर से वापसी नहीं कर पाई थी। प्रदेश की जनता हर पांच वर्षों में सरकार को बदलती रही है।

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI WWW.NEWSFASTWEB.COM

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