कोरोना : अभी नहीं टला है खतरा, भारी न पड़ जाए अनलॉक

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Corona: The threat has not been postponed yet, it does not get unlocked.

हड़बड़ी पहुंचा सकती है नुकसान, इन देशों से लेना होगा सबक

बीकानेर। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कहर में थोड़ी कमी के बीच कई राज्यों ने अनलॉक की तैयारी शुरू कर दी है। अनलॉक की हड़बड़ी भारी पड़ सकती है क्योंकि दुनिया के कई देशों में जल्दबाजी में किए गए अनलॉक की कीमत उन देशों में रहने वाले लोगों को उठानी पड़ी है।

कोरोना संक्रमण के पूरी तरह से काबू में आने से पहले प्रतिबंध हटाने कितने घातक साबित हो सकते हैं, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन सहित दुनिया के कई देश इस बात की जीते-जागते उदाहरण हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए तमाम शोध भी दर्शाते हैं कि लॉकडाउन ही संक्रमण को बेकाबू होने से रोकने में कितना कारगर है। यही वजह है कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ अभी लॉकडाउन में ज्यादा ढील देने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि जल्दबाजी में ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया जाना चाहिए, जिससे बाद में पछताना पड़े।

पाबंदियों और कोरोना को लेकर ये कह रहे हैं विशेषज्ञ

अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों का मानना है कि अभी ब्रिटेन सहित कई देशों ने पूरी तरह से अनलॉक नहीं किया है। भारत में दूसरी लहर का प्रभाव बाद में पड़ा है। ऐसे में अभी अनलॉक की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। कोरोना के मामले भले ही घटने लगे हों, लेकिन मौतों के आंकड़े में कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा है। ऐसे में लॉकडाउन और अनलॉक संबंधी मामलों को राज्य के स्तर पर नहीं करना चाहिए। ये फैसले केंद्र के स्तर से होने चाहिए। एक बार अनलॉक होने पर इस बात की आशंका है कि मामले दोबारा तेजी से बढऩे लगेंगे।

साथ ही अब जब लोग इन पाबंदियों के आदी हो चले हैं तो जल्दबाजी में ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया जाना चाहिए कि जिससे बाद में पछताना पड़े। अनलॉक की प्रक्रिया तब शुरू हो, जब कोरोना खत्म होने की कगार पर पहुंच जाए। अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए लेकिन सरकारों की ओर से लोगों को पूरी तरह से आगाह भी किया जाना चाहिए कि अगर कोरोना प्रोटोकॉल पर अमल नहीं किया गया तो दोबारा लॉकडाउन लगाया जाएगा। खतरा अभी टला नहीं है। न तो कोरोना मरीजों की संख्या थमी है और न ही मौतें। ऐसे में कोरोना की पिछली लहर की तरह जल्दी-जल्दी अनलॉक नहीं करना चाहिए।

शुरुआती चरण में सिर्फ बेहद जरूरी चीजों को खोला जाए। मॉल और भीड़भाड़ वाली जगहों पर प्रतिबंधों में ढील सबसे बाद में दी जाए। जहां भी अनलॉक किया जाए, वहां बाकायदा सख्ती हो तभी हालात बेकाबू होने से रोके जा सकेंगे। लोगों को भी समझना होगा कि यदि हम अब भी कोरोना से बचाव के लिए जरूरी एहतियाती उपाय नहीं अपनाएंगे तो और नुकसान होना तय है।
आर्थिक मामलों से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार भारत की दूसरे देशों से तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि यहां लोगों के जीवन और आजीविका के बीच सामंजस्य बनाना होता है। केंद्र और राज्यों की सरकारें ज्यादा दिनों तक लॉकडाउन नहीं लगा सकती हैं। देश में जरूरी है कि अनलॉक के साथ-साथ तेजी से टीकाकरण किया जाए, ताकि लोगों में कोरोना के खिलाफ सुरक्षा कवच विकसित हो सके और स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव घट पाए।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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