रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी : सोशल मीडिया पर आए वीडियो में आरोपी को ले जाती दिख रही पुलिस, देखें वीडियो…

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Remadecivir injection black marketing: Police seen taking video of the accused in a video on social media

एफआईआर में भ्रमण पथ के पास पीछा कर गिरफ्तार कर दिखाया गया

पुलिस कार्रवाई पर लग रहे सवालिया निशान

बीकानेर। रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी में अब नया मोड़ आता दिखाई दे रहा है। आज सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो ने शहर में एक नई चर्चा को हवा दे दी है। इस वीडियो के सामने आने के बाद लोगों में पुलिस कार्रवाई को लेकर संशय उत्पन्न हो गया है। लोग इस कार्रवाई पर तरह-तरह के सवाल करने लगे हैं।

वीडियो देख चुके लोगों के अनुसार ये वीडियो वरदान अस्पताल के एक कोने में लगे कैमरे में कैद हुआ होगा। इस वीडियो में अस्पताल परिसर में स्थित कैंटीन से कुछ लोग एक युवक को पकड़ कर वहां से सामने खड़ी कार में ले जा रहे हैं, इसी बीच एक जीप भी कार के पास आकर खड़ी होती दिखाई दे रही है। लोगों का मानना है कि जिस युवक को पकड़ कर ले जाया जा रहा है, वह वरदान अस्पताल का कर्मचारी अनिल है। जिस माहौल में वीडियो कैद हुआ दिख रहा है उसके अनुसार उस दौरान सूरज की रोशनी भी पर्याप्त थी। लोगों का कहना है कि पुलिस ने अनिल नाम के युवक को भ्रमण पथ के पास पीछा करके पकड़ा जाना बताया है और एफआईआर में घटना का समय भी 5 मई, 2021 को शाम पौने आठ बजे का बताया है। जबकि पौने आठ बजे सूरज की रोशनी काफी कम हो जाती है और अंधेरा छाने लगता है।

लोगों का मानना है कि इस कार्रवाई में शामिल पुलिसकर्मियों, डीएसटी टीम व आरोपियों की अगर घटना से दो दिन पहले और तीन दिन बाद की कॉल डिटेल, टावर से मोबाइल लोकेशन की डिटेल, घटनास्थल, सदर पुलिस स्टेशन और वरदान अस्पताल के आस-पास लगे तथा इस रास्ते में लगे अभय कमांड सेंटर के सीसी कैमरे खंगाल कर रिकॉर्डिंग ली जाए और इन रिकॉर्डिंग की जांच की जाए तो प्रकरण की तह तक पहुंचा जा सकता है।

सोशल मीडिया पर आए सीसी कैमरे की रिकॉर्डिंग के अनुसार वरदान अस्पताल के कर्मचारी अनिल को जब अस्पताल परिसर से पकड़ा था तब उसके पास से कोई बरामदगी नहीं की गई थी। लोगों के अनुसार पुलिस ने अनिल की गिरफ्तारी भ्रमण पथ के पास दिखाई और उसके पास से रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद होना भी बताया है। ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन आया कहां से था।

इस प्रकरण में सच्चाई तो बाद में सामने आ सकेगी लेकिन एकबारगी वरदान अस्पताल के चिकित्सक सिद्धार्थ असवाल की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान हुआ देखा गया है।
लोगों को आज भी पुलिस पर भरोसा है, सबका यही सोचना है कि किसी बेगुनाह को सजा नहीं मिलनी चाहिए। हमारे देश में ये धारणा भी प्रबल है कि ‘सौ गुनहगार भले ही छूट जाएं लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए। बहरहाल, रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी के इस प्रकरण मेें पुलिस के हत्थे चढ़े पांचों युवक निजी अस्पताल के कर्मचारी और पैरामेडिकल स्टाफ है। पांचों आरोपी फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में हैं।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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