पानी पर भी हो रही राजनीति! देखें वीडियो…

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Politics is being done on water too! Watch video ...

अपनी-अपनी सियासत चमकाने में लगे नेता

आमजन हो रहा त्रस्त

बीकानेर। कोरोना महामारी में जहां एक और आम आदमी हैरान व परेशान है वहीं जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी राजनीति चमकाने में व्यस्त हैं। महामारी में व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के नाम पर जनप्रतिनिधि अपनी वाहवाही लूटने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। एकजुट होकर महामारी से संघर्ष करने की बजाय अपने व अपनी पार्टी के कार्यों का बखान किया जा रहा है। स्वयं को सुपर साबित करने वाली राजनीति से आमजन त्रस्त नजर आने लगा है।

महामारी में लोग भय, मानसिक परेशानी, आर्थिक तंगी से तो पहले से परेशान थे ही लेकिन नहरबंदी के चलते पेयजल की किल्लत से भी त्रस्त नजर आ रहे हैं। लोग अपने जनप्रतिनिधियों से उनकी समस्या के समाधान की आस लगाए बैठे हैं लेकिन नेता केवल बयानबाजियों के माध्यम से अपना व अपनी पार्टी का महिमामंडन करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन पीबीएम में आने वाले लोगों के लिए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। ऐसे में समाजसेवी लोगों और संस्थाओं ने पीबीएम में पानी की आपूर्ति करने का जिम्मा उठाकर लोगों को राहत देने का काम किया है। ऐसे में सरकार के नुमाइंदें पीबीएम अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं।

केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पीबीएम अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पेयजल किल्लत को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘ मिसमैनेजमेंट की वजह से पेयजल की किल्लत होना बताया। जो टैंकर पानी घरों में पहुंचा रहे हैं वह ज्यादा कीमत वसूल कर रहे हैं। हमारी सरकार केे कार्यकाल में भी नहरबंदी हुई है, लेकिन पानी की उपलब्धता के अनुसार वितरण व्यवस्था की गई थी। हमारे प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख कर पानी की उपलब्धता के अनुसार वितरण व्यवस्था दुरुस्त करने का आग्रह किया है।’

वहीं पिछले कई दिनों से प्रदेश के जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला भी बीकानेर शहर में बढ़ रही पानी की किल्लत को लेकर अधिकारियों से बैठकें कर पानी की सुचारू व्यवस्था करवाने की बात कर रहे हैं लेकिन फिर भी शहर में हालात जस के तस बने हुए हैं। डॉ. कल्ला ने पानी की किल्लत का ठीकरा उपभोक्ताओं पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि लोग बुस्टर लगाकर पानी खींच लेते हैं जिससे दूसरों को परेशानी झेलनी पड़ती है। पानी की किल्लत को दूर करने के लिए जिले में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। किसी भी स्थान पर पानी की किल्लत की कमी की सूचना आती है तो विभाग के अधिकारियों को कहकर उस क्षेत्र में नि:शुल्क पानी के टैंकर पहुंचाए जा रहे हैं। वहीं उन्होंने लोगों को पानी को लेकर मितव्यता बरतने की नसीहत भी दी।

कुल मिला कर यह सामने आ रहा है कि जनप्रतिनिधि नाहक बयानबाजी कर महज राजनीति करने में लगे हैं, जिससे पहले से कोरोना महामारी से परेशान लोग अब पेयजल जैसी आवश्यक वस्तु से भी त्रस्त नजर आ रहे हैं।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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