रसूख की वजह से गिरफ्तार नहीं किए जा रहे अवैध कारोबार के बादशाह
मामले को ठंडे बस्ते में डालने की हो रही है कोशिशें
बीकानेर। रेमडेसिविर इंजेक्शन की अवैध बिक्री मामले में सदर पुलिस पांच प्यादों को पकड़ कर अपनी पीठ थपथपा रही है। जबकि इस अवैध कारोबार के बादशाह अपने रसूख की वजह पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। हैरत तो यह है कि सियासी गलियारों में पहुंच रखने वाले इन अवसरवादी सफेदपोशों को बचाने के लिए हरसंभव पैतरें अपनाने में जुटे बताए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि छह मई को सदर थाना पुलिस ने चार युवकों संदीप कुमार, रमेश सिंह, महेन्द्र और अनिल को जीवन रक्षक दवाई रेमडेसिविर इंजेक्शन की अवैध बिक्री करते गिरफ्तार किया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूछताछ के दौरान इन चार आरोपियों में से तीन संदीप, रमेश और महेन्द्र ने पुलिस को बताया कि उन्होंने वरदान अस्पताल में काम करने वाले अनिल से रेमडेसिविर इंजेक्शन लिए हैं। अनिल ने भी पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह वरदान अस्पताल और रानीबाजार स्थित डीटीएम अस्पताल से रेमडेसिविर लाता था।
बताया जा रहा है कि अनिल नाम के इस युवक ने पूछताछ के दौरान डॉ. सिद्धार्थ असवाल सहित कई अन्य डॉक्टरों का हाथ इस काले कारोबार में होने की जानकारी दी है। लेकिन हैरानी की बात है कि आज आठ दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने डॉ. सिद्धार्थ असवाल सहित अन्य डॉक्टरों को गिरफ्तार करना तो दूर उन्हें पूछताछ के लिए भी थाने नहीं बुला सकी है। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि डॉ. असवाल की पत्नी भी पुलिस महकमे में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। शायद इसी वजह से पुलिस उन पर हाथ डालने से हिचक रही है।
पुलिस महकमे से जारी हुए प्रेसनोट के मुताबिक इस मामले में डीटीएम अस्पताल में काम करने वाले साहिल नाम के कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। शहरवासी सदर पुलिस से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इस कर्मचारी से पूछताछ के बाद पुलिस आपदा को अवसर समझकर लोगों को लूटने वाले रसूखदार डॉक्टरों व अन्यजनों के खिलाफ जल्दी ही कार्रवाई करेगी। फिलहाल पुलिस ने इन पांच प्यादों को गिरफ्तार कर वाहवाही लूट ली है।
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com