अप्रेल के अंत तक 40 फीसद आबादी में एंटीबाडी
कोविड गाइडलाइन की पालना है जरूरी
बीकानेर। देश में कोरोना की दूसरी लहर जितनी तेजी से बढ़ रही है, यह उतनी ही तेजी से खत्म भी होगी। एक संस्था के अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर में जिस तेजी से लोग संक्रमित हो रहे हैं, उतनी ही जल्द इसे खत्म भी हो जाना चाहिए। अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि अप्रेल के अंत तक देश की 40 प्रतिशत आबादी में एंटीबाडी विकसित हो जाएगी।
जानकारी के अनुसार इसमें कहा गया है कि पिछले साल दिसंबर के अंत तक 21 प्रतिशत आबादी में एंटीबाडी विकसित हो चुकी थी। अप्रेल के अंत तक इसमें सात प्रतिशत आबादी के और जुडऩे का अनुमान है। इसके अलावा टीकाकरण के जरिये 12 प्रतिशत और लोगों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाएगी। इस तरह 40 फीसद आबादी मौत के खतरे से बाहर हो जाएगी। इतना ही नहीं 28 प्रतिशत आबादी में संक्रमण के जरिये प्रतिरोधक क्षमता आ जाएगी। इसके अतिरिक्त कम से कम 13 प्रतिशत लोग अप्रेल के अंत तक वैक्सीन की पहली डोज ले चुके होंगे। अध्ययन मेें कहा गया है कि कोरोना के चलते मरने वाले 87 प्रतिशत लोग 50 साल से अधिक उम्र के हैं।
जून तक प्रतिदिन हो सकती हैं 2320 मौतें
कोविड-19 के जानकारों का मानना है कि देश में यदि कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए तत्काल समुचित कदम नहीं उठाए गए तो जून 2021 के पहले सप्ताह तक देश में प्रतिदिन 1750 से 2320 मौतें होंगी। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य होंगे। कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें हरसंभव कोशिशें कर रही हैं।
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