संयमित दिनचर्या और नियंत्रित आहार से तेजी से होती है रिकवरी
बीकानेर। कोरोना के गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है लेकिन हल्के या मध्यम मामलों में घर पर रहकर भी इसका इलाज किया जा सकता है। इसे होम आइसोलेशन भी कहा जाता है। होम आइसोलेशन में मरीज खुद को घर के बाकी सदस्यों से अलग रखकर अपना ट्रीटमेंट करते हैं। आइए जानते हैं कोरोना के मरीज घर पर रहकर कैसे तेजी से रिकवरी कर सकते हैं:-
होम आइसोलेशन के लिए जरूरी नियम- होम आइसोलेशन के लिए कोरोना के मरीज के लिए घर में अलग और हवादार कमरा होना जरूरी है। मरीज के लिए एक अलग टॉयलेट होना होना चाहिए। मरीज की 24 घंटे देखभाल के लिए किसी ना किसी को होना चाहिए। ध्यान देने वाली बात है कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज के लक्षण गंभीर नहीं होने चाहिए। गंभीर होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है।
होम आइसोलेशन में मरीज को ये करना चाहिए – मरीज को अपने कमरे की खिड़कियां खुली रखनी चाहिए। मरीज को पूरे समय तीन लेयर वाला मास्क पहनना चाहिए और इसे हर 6-8 घंटे में बदलना चाहिए। साबुन और पानी से हाथ को 40 सेकेंड तक धोना चाहिए। ज्यादा छूई जाने वाली सतह को छूने से बचें। अपने बर्तन, तौलिया, चादर कपड़े बिल्कुल अलग रखें और किसी और को इस्तेमाल ना करने दें।
घर में रह रहे मरीजों को दिन में दो बार अपने बुखार और ऑक्सीजन के स्तर की जांच करनी चाहिए। शरीर का तापमान 100 फॉरेनहाइट से ज्यादा ना हों। वहीं, ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन का स्तर देखें, एसपीओ2 रेट 94 प्रतिशत से कम ना हो। अगर मरीज को अन्य कोई और बीमारी है तो उसका इलाज भी साथ-साथ जारी रखें। आइसोलेशन के दौरान शराब, स्मोकिंग या फिर किसी नशीली चीज का सेवन बिल्कुल ना करें। डॉक्टर की सलाह का पालन करें और नियमित रूप से दवाइयां लें।
ऐसी हो डाइट- कोरोना के मरीजों को घर पर बना ताजा और सादा भोजन करना चाहिए। मौसमी, नारंगी और संतरा जैसे ताजे फल और बीन्स, दाल जैसी प्रोटीन से भरपूर आहार लें। खाने में अदरक, लहसुन और हल्दी जैसे मसाले का उपयोग करें। दिन में रोज 8-10 गलास पानी पीएं।
लो फैट वाला दूध और दही खाना चाहिए। नॉनवेज खाने वालों को स्किनलेस चिकन, मछली और अंडे का सफेद भाग खाना चाहिए। कुछ भी खाने से पहले उसे अच्छी तरह धो लें। कोरोना के मरीजों का खाना कम कॉलेस्ट्रॉल वाले तेल में पकाना चाहिए।
ये नहीं खाएं- कोरोना के मरीजों को मैदा, तला हुआ खाना या जंक फूड नहीं खाना चाहिए। चिप्स, पैकेट जूस, कोल्ड ड्रिंक, चीज़, मक्खन, मटन, फ्राइड, प्रोसेस्ड मीट और पाल्म ऑयल जैसे अनसैचुरेटेड फैट्स से दूर रहना चाहिए। अण्डे का पीला भाग सप्ताह में एक बार ही खाएं। सप्ताह में नॉनवेज दो-तीन बार से ज्यादा ना खाएं।
ध्यान में रखें ये बात- कोरोना वायरस शरीर के साथ-साथ मरीजों को मानसिक तौर पर भी कमजोर कर देता है। इसलिए इलाज के दौरान मरीजों को अपनी मानसिक सेहत का का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए। आप होम आइसोलेशन में रहते हुए भी फोन और वीडियो कॉल के जरिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के संपर्क में रह सकते हैं। इस दौरान अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ें। आप मोबाइल पर अपने पसंदीद शो देखने के साथ हल्के-फुल्के गेम भी खेल सकते हैं। ध्यान रखें कि खुद पर बहुत ज्यादा दबाव ना डालें और खूब आराम करें।
इन लक्षणों पर भी करें गौर- होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को कुछ और भी लक्षणों पर गौर करने की जरूरत है। बुखार के अलावा सांस लेने मे कठिनाई, छाती में में लगातार दर्द या दबाव होने, मानसिक भ्रम या फिर होठ या चेहरे नीले पड़ जाने जैसे लक्षण दिखने पर अपने डॉक्टर को तुरंत बताएं।