पुलिस मुख्यालय ने बनाया काउंसलिंग सेंटर
साप्ताहिक अवकाश दिए जाने पर भी की जा रही कवायद
बीकानेर। प्रदेश में पुलिसकर्मी मानसिक तनाव में जी रहे हैं। पिछले 9 महीनों में 8 पुलिसकर्मियों की खुदकुशी के प्रकरणों को देख कर इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। लंबी ड्यूटी, अवकाश नहीं मिलने, परिवार से दूरी और राजनीतिक व प्रशासनिक दबाव के कारण पुलिसकर्मियों में मानसिक तनाव बढ़ता देखा जा रहा है।
पुलिस महकमें के उच्च अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों का तनाव कम करने को लेकर साप्ताहिक अवकाश देने व उनकी ड्यूटी का स्थान एक निश्चित समय में बदलने का निर्णय तो किया था, लेकिन अब तक उस पर अमल नहीं किया जा सका है।
जानकारी के अनुसार पुलिसकर्मियों में मानसिक अवसाद को कम करने के लिए पुलिस ने हैल्पलाइन नंबर 0141-2821500 जारी किए हैं। इस पर कोई भी पुलिसकर्मी अथवा उसका परिजन कॉल कर सकेगा। उन्हे इस नंबर से मानसिक अवसाद व तनाव से मुक्ति पाने के लिए सुझाव मिलेंगे। तनावग्रस्त पुलिसकर्मियों की काउंसलिंग की जाएगी। इसके लिए विशेषज्ञ भी लगाए गए हैं।
पुलिसकर्मियों की आत्महत्या के ये खास प्रकरण
भरतपुर जिले के उच्चैन पुलिस थाने में तैनात थाना अधिकारी होशियार सिंह ने 12 नवंबर,2020 को खुदकुशी कर ली थी। उनके बेटे का 20 नवंबर को विवाह था, उच्च अधिकारियों ने उन्हें मांगने पर भी छुट्टी नहीं दी, जिससे वे डिप्रेशन में थे और आखिरकार उन्होंने खुदकुशी कर ली। इसी तरह प्रदेश के सीमावर्ती जिले जैसलमेर के पोकरण में पुलिस कांस्टेबल मायाराम मीणा ने आत्महत्या कर ली थी।
कोटा में तीन पुलिसकर्मियों गोविंद, राधेश्याम मेहता व पवन की मौत हुई। इनकी मौत उच्च रक्तचाप, शुगर लेवल कम होने, हार्ट अटैक और चक्कर आने से हुई। टोंक में कोर्ट परिसर में कांस्टेबल प्रेमचंद गुर्जर ने पेड़ पर फंदा लगाकर खुदकुशी की थी। चूरू जिले के राजगढ़ में पुलिस थाना अधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने 23 मई,2020 को अपने सरकारी क्वार्टर में फंदा लगाकर खुदकुशी की थी। इस मामले में क्षेत्रीय विधायक कृष्णा पूनिया पर अनैतिक दबाव बनाने का आरोप लगा था। भाजपा सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने विधायक के खिलाफ धरना भी दिया था। इसके तीन दिन बाद 26 मई को श्रीगंगानगर में कांस्टेबल जसविंद्र सिंह व 29 मई को दौसा में कांस्टेबल गिरिराज ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।
गिरिराज ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें लिखा था कि काम के प्रेशर, छुट्टी नहीं मिलने के कारण वह तनाव नहीं झेल पा रहा है। बारां जिले के केलवाडा पुलिस थाने में तैनात पुलिसकर्मी रवीना सहरिया ने अपने सरकारी क्वार्टर में फंदा लगाकर खुदकुशी की थी।
इस प्रकार के मामलों को बढ़ता देख पुलिस मुख्यालय ने पुलिसकर्मियों में तनाव कम करने की कवायद शुरू कर दी है। पुलिस मुख्यालय की ओर से काउंसलिंग सेंटर बनाया गया है। साथ ही पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की कवायद भी की जा रही है।
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