अनुबंध की शर्तों के अनुसार नहीं मिला स्टाफ
मौके पर से उठाए रजिस्टर
बीकानेर। लम्बे समय से रैन बसेरों को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित एक्शन में नजर आई। उन्होंने ने नगर निगम आयुक्त पवन शर्मा के साथ सोमवार देर रात रैन बसेरों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
जानकारी के मुताबिक महापौर ने बीकानेर रेलवे स्टेशन, निजी बस स्टेंड, सेटेलाइट अस्पताल और फायर स्टेशन परिसर में बने नगर निगम के रैन बसेरों का आकस्मिक निरीक्षण किया। नगर निगम की ओर से दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत संचालित रैन बसेरों के निरीक्षण के दौरान महापौर को आश्रय स्थल संचालन में भारी अनियमितताएं मिली।
नगर निगम द्वारा सभी आश्रय स्थलों पर सुचारू व्यवस्था के लिए प्रति आश्रय स्थल एक प्रबंधक, 3 केयर गिवर्स (8-8 घंटों के हिसाब से) तथा एक सिक्योरिटी गार्ड निगम स्तर पर अनुबंधित संस्था के माध्यम से नियुक्त किए गए हैं। निरीक्षण के दौरान उपस्थिति पंजिका में अनियमितताएं मिली। मौजूदा स्टाफ अनुबंध की शर्तों के अनुसार नहीं था तथा कुछ जगह अनुपस्थित भी था। आश्रय स्थलों में सफाई को लेकर एवं व्यवस्थाओं को लेकर महापौर खासा नाराज नजर आई। महापौर के पूछने पर मौजूदा स्टाफ संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। निगम की ओर से हर आश्रय स्थल पर कुल 7 पंजीकाएं उपलब्ध करवाई गई है लेकिन निरीक्षण के दौरान किसी भी आश्रय स्थल पर यह 7 पांजिकाएं नहीं मिली।
निगम आयुक्त पवन शर्मा के अनुसार रैन बसेरों में स्टाफ की व्यवस्था सही नहीं पाई गई है। वहीं कुछ कमियां भी सामने आई हंै, जिसे लेकर संचालकों को व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए जाएंगे। इस दौरान महापौर ने आश्रय स्थलों में रह रहे लोगों से भी बात की एवं उनके हालचाल जाने। गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा अनुबंधित संस्था को करीब डेढ़ लाख रुपए प्रतिमाह भुगतान किया जाता है। ऐसे में इतनी अनियमितताओं के बावजूद संस्था को हो रहा भुगतान भी जांच का विषय है।
सर्दी के सितम को देखते हुए नगर निगम की ओर से शहर में चार जगहों पर रैन बसेरे संचालित किए जा रहे हंै ताकि कोई भी व्यक्ति सर्दी से परेशान नहीं हो। लेकिन संचालक की लापरवाही के कारण यहां आने वाले लोगों को पूरी सुविधा नहीं मिल रही है।
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com