स्वास्थ्य विभाग : आपदा में तलाशा अवसर, लाखों के किए वारे न्यारे, पार्ट-4

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Health Department: Search opportunities in disaster, millions of people made, Part-4

एन-95 मास्क घोटाला, कोविड सेन्टरों में रोगियों के भोजन के बिलों में भी घोटाला

क्षमता से ज्यादा रोगियों को भोजन करवाने की एवज में भुगतान उठाने की कोशिश

बीकानेर। कोविडकाल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर आपदा में अवसर तलाशने और लाखों रुपए के वारे न्यारे करने के आरोप लगे हैं। इस मामले की जांच के लिए गठित कमेटी की एक रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की करतूतों की परतें खोलते हुए उनके कारनामों को सरकार व स्वास्थ्य निदेशालय के अधिकारियों तक पहुंचाने की कोशिश की गई है।

सरकारी सूत्रों से न्यूजफास्ट वेब को मिली इस मामले की एक रिपोर्ट में एन-95 मास्क व अन्य सामग्री की खरीद में बाहरी व स्थानीय फर्मों के साथ मिल कर सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा ने कोरोनाकाल में अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रहे चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों, लैब टैक्निशियंस, सफाईकर्मियों की जान को जोखिम में डालने का कार्य किया है, जो कि आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। जिसमें प्रावधानों के अनुसार दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए थी, लेकिन लचर सिस्टम की वजह से नहीं की गई। मास्क और अन्य सामग्री की खरीद के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोविड सेन्टरों में रखे गए कोरोना रोगियों को भोजन परोसने में अपनी जेबों को भरने का कार्य किया।

सरकारी सूत्रों से मिली रिपोर्ट के पेज पांच पर पैरा संख्या 12 में लिखा गया है कि ‘किसानघर, एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय और इन्टरनेशनल हॉस्टल, एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय में प्रवासित व्यक्तियों को चाय-नाश्ता एवं खाने की व्यवस्था एक फर्म द्वारा की गई। इस फर्म द्वारा प्रवासित व्यक्तियों को प्रदत्त खाने की संख्या न्यूनतम 12 एवं अधिकतम 236 दिनांक 28 मार्च, 2020 से 23 अप्रेल, 2020 के मध्य दर्शाई गई है। उक्त दोनों क्वारेन्टाइन सेन्टरों की क्षमता 160 से ज्यादा धारित करने की नहीं है। क्योंकि वर्तमान में (रिपोर्ट लिखे जाने के दिन तक) उक्त भवन कोविड केयर सेन्टर के रूप में काम में लिए जा रहे हैं जिसकी प्रतिदिन रिपोर्ट से क्षमता प्रमाणित है।

फर्म के बिलों का प्रमाणन जीएनएम भुवनेश, डॉ. इरशाद रफीक, डॉ. योगेन्द्र तनेजा द्वारा किया गया। नोटशीट लूज पन्ने पर संधारित में सहायक लेखाधिकारी बाबूलाल राजपुरोहित, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वा.) डॉ. इन्द्रा प्रभाकर एवं सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा के बिना दिनांक के हस्ताक्षरित है। जिसमें प्रतिदिन 10 कर्मचारी (4 पुलिस, 4 मेडिकल व 2 सफाई कर्मचारी) को भी खाना दिया जाना दर्शाया है, जो कि नियम विरूद्ध है। इसी क्रम में एक अन्य पत्र क्रमांक 4430 दिनांक 4 मई, 2020 में प्रवासित व्यक्तियों की संख्या भिन्न दिखाई गई है। साथ ही समान दिवस में 14 कर्मचारी (6 पुलिस, 4 मेडिकल व 4 सफाई कर्मचारी) दर्शाये गए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा क्वारेंटाइन सेन्टर में रखे गए व्यक्तियों का किसी प्रकार का रिकार्ड संधारित नहीं किया गया। इस प्रकार क्षमता से अधिक संदिग्ध कोविड-19 व्यक्तियों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखकर आपदा प्रबंधन एक्ट का उल्लंघन किया है अन्यथा अधिक व्यक्तियों का खाना दिखाकर राजकोष को हानि पहुंचाने एवं फर्म के साथ मिलीभगत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।’

इस रिपोर्ट में जांच कमेटी के सदस्यों ने इस पैरा संख्या के अन्त में यह भी लिखा है कि ‘उक्त बिन्दु के क्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीणा के बयान में इस बात की स्वीकारोक्ति की गई कि फर्म द्वारा अन्य स्थानों पर भी आवासित व्यक्तियों को भोजन उपलब्ध करवाया गया जो कि रिकार्ड पर उपलब्ध नहीं है।’

और भी जानकारी अगली खबर में…..

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www. newsfastweb.com

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