न्यूजफास्ट वेब के हाथ लगी घोटाले की जांच रिपोर्ट, शृंखला में पढि़ए जांच रिपोर्ट
रिपोर्ट में सीएमएचओ पर सच साबित हो रहे हैं आरोप, इस घोटाले में और भी हैं शामिल
बीकानेर। भ्रष्टाचार को खत्म करने का दावा करने वाली गहलोत सरकार के शासन में ही सरकारी नुमाइन्दें भ्रष्टाचार करने वाले सीएमएचओ को बचाने में जुटे नजर आ रहे हैं। कोविडकाल में एन-95 मास्क खरीद में घोटाला करने के आरोपित सीएमएचओ के खिलाफ हुई जांच में उन पर लगे आरोप सही साबित हो रहे हैं।
दरअसल, विश्वस्त सूत्रों से मिली इस घोटाले की जांच रिपोर्ट की प्रतिलिपि में सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा पर लगे सभी आरोप सच साबित किए गए हैं। इस रिपोर्ट के पहले पन्ने पर टिप्पणी की गई है कि ‘ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर द्वारा उपलब्ध करवाए गए रिकार्ड, बयानों तथा तथ्यों के गहन विश्लेषण उपरांत जांच समिति इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि डॉ. बीएल मीणा सीएमएचओ बीकानेर ने अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन करने में अक्षम रहकर कोविड-19 काल में सामग्री आपूर्ति आदेश बिना मांगपत्र, बिना गुणवत्ता मापदण्डबिना सक्षम समिति के अनुमोदन एवं बिना निर्धारित उपापन प्रक्रिया अपनाए जारी किए जिससे राजकोष को हानि की संभावना नियत है एवं आपदाप्रबंधन एक्ट का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया। बाबूलाल, सहायक लेखाधिकारी-1 कार्यालय सीएमएचओ बीकानेर द्वारा अपने कतर््वयों को समुचित निर्वहन न कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर को अवगत न कराकर प्रक्रिया में साथ दिया। उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वा.) बीकानेर डॉ. इन्द्रा प्रभाकर एक जिम्मेदार अधिकारी का कर्तव्य निभाने में अक्षम रही। डॉ. योगेन्द्र तनेजा उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (प.क.), बीकानेर द्वारा बिलों का प्रमाणीकरण कर अनियमितता में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर डॉ. बीएल मीणा का साथ दिया गया। बलवन्तसिंह राजपुरोहित भंडारपाल ने अपने कर्तव्यों का पालन करने में चूक की है। सुभाष मुटनेजा सहायक औषधि नियंत्रक, बीकानेर द्वारा जांच कमेटी के तकनीकी सदस्य के नाते कर्तव्यों के पालन में असफल रहे।‘
गौरतलब है कि कोविडकाल में लॉकडाउन की पालना नहीं करने, मास्क नहीं लगाने जैसी गल्तियों पर प्रशासन ने आमजन के चालान काट कर जुर्माना वसूला है। लॉकडाउन में कोविड की खबरों को सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं लेकिन कोविड-19 में आगे रहकर कार्य करने वाले चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों को निम्न गुणवत्ता के मास्क उपलब्ध करवा कर उनकी जान को खतरे में डालने वाले लालची सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा के खिलाफ जिले के आला प्रशासनिक अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज तक नहीं करवाई। हैरानी की बात तो यह है कि प्रशासनिक अधिकारी इस मामले को हल्का कर सीएमएचओ सहित अन्य चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों को बचाने में जुटे हुए हैं।
जांच रिपोर्ट का अगला पार्ट शुक्रवार को…….
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com