पहले की कार्रवाई, फिर लीपापोती, अब उठ रहे प्रशासन पर सवाल

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First action, then daub, now questions on administration

ज्यादा शुल्क वसूलने पर निजी लैब को किया गया था सीज

अगले दिन ही सीएमएचओ ने लैब खोलने के जारी कर दिए आदेश

आमजन में चर्चाओं का दौर जारी

बीकानेर। प्रशासन द्वारा 30 अक्टूबर को निजी लैब के खिलाफ की गई कार्रवाई पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। शहर में चर्चा आम हो रही है कि आरएएस अधिकारी और सीएमएचओ द्वारा जब कार्रवाई की गई तो अगले दिन ही उसे खोलने के आदेश किसके दबाव में जारी कर दिए गए। सीएमएचओ ने निजी लैब को खोले जाने की वजह अपने आदेश में कोविड महामारी के दौरान लोगों को जांच में हो रही परेशानी बताया है।

गौरतलब है कि आरएएस अधिकारी गोपाल राम और सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा ने सादुलगंज स्थित मार्च इमेजिन एंड डायग्नोस्टिक सेंटर पर निर्धारित शुल्क से ज्यादा वसूलने पर सीज करने की कार्रवाई 30 अक्टूबर को की थी। इसके अगले दिन ही यानि 31 अक्टूबर को सीएमएचओ डॉ. मीणा ने इस निजी लैब को दोबारा खोलने के आदेश जारी कर दिए। इस आदेश में सीएमएचओ ने स्पष्ट लिखा है कि निजी लैब के पार्टनर पूनमचंद की ओर से कलेक्टर को पत्र लिखा गया है जिसमें सीज की गई लैब को पुन: खोलने की अनुमति चाही गई है, इसलिए इस प्रकरण की जांच को विचाराधीन रखते हुए कोविड मरीजों की सुविधा के दृष्टिगत प्रदेश सरकार की निर्धारित गाइडलाइन की पालना करते हुए एक नवम्बर से सेंटर संचालित करने की अनुमति दी जाती है।

इस आदेश के बाद निजी लैब में दोबारा से जांच कार्य शुरू कर दिया गया लेकिन शहरवासियों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। लोगों में चर्चा आम थी कि अगर लैब सही तरीके से काम कर रही थी तो प्रशासनिक अधिकारियों ने उसके खिलाफ कार्रवाई किस द्वेष को रखते हुए की?, अगर कार्रवाई उचित नहीं थी तो प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? वहीं कलक्ट्री परिसर में बैठे लोगों में चर्चा थी कि यह निजी लैब रसूखदारों की है, इस लैब के उद्घाटन में प्रदेश के तीन-तीन मंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेता मौजूद थे, ऐसे में लैब को सीज किया जाना कार्रवाई करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों पर भारी पड़ सकता है।

वहीं कुछ लोग आपस में बतिया रहे थे कि नियम-कायदे और कानून तो गरीब लोगों पर ही लागूू होते हैं, रसूखदारों पर नहीं, सरकार और शासन करने वाली पार्टी के नेता अपनी मनमर्जी से प्रशासन को चलाते हैं। यही वजह है कि इस कार्रवाई पर लीपापोती कर दी गई। आने वाले दिनों में इस प्रकरण की जांच भी ठंडे बस्ते में चली जाएगी। लोग सब भूल जाएंगे। फिलहाल हमेशा की तरह लोग इस प्रकार की बातें करने में व्यस्त है, निजी लैब रोगियों की जांच करने का कार्य कर रही है और प्रशासनिक अधिकारी अपने कार्य में लगे हैं।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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