विजिलेंस के जरिए उपभोक्ताओं को लूट रही बीकेईएसएल

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BKESL robbing consumers through vigilance

मौके पर नहीं दी जाती है उपभोक्ता को वीसीआर की कॉपी

कार्यालय बुलाकर उपभोक्ता से की जाती है बार्गनिंग (मोलभाव)

बीकानेर। निजी बिजली कंपनी बीकेईएसएल अब विजिलेंस के जरिए उपभोक्ताओं का लूटने का काम कर रही है। बिजली चोरी की आड़ में उपभोक्ताओं से मनमर्जी की राशि वसूल की जा रही है।

शहरी क्षेत्र में अभी ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें उपभोक्ताओं को मौके पर वीसीआर की कॉपी नहीं दी गई और उन्हें कंपनी के कार्यालय बुला कर चालान में भरी गई अस्थाई राशि पर बार्गनिंग (मोलभाव) की गई। बीकेईएसएल की लूट से पीडि़त उपभोक्ताओं के अनुसार बिजली मीटर में तकनीकी खराबी आने पर भी उसका खमियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।

अभी हाल ही में एक उपभोक्ता के घर विजिलेंस की टीम जांच करने पहुंची, उस घर में वृद्ध महिला अकेली रहती हैं, वहां बीकेईएसएल की विजिलेंस टीम ने बिजली चोरी के आरोप लगाते हुए वीसीआर में मनमर्जी का विद्युत लोड भर दिया और उपभोक्ता के हस्ताक्षर कराए बिना ही वहां से निकल गए। बाद में उपभोक्ता का 63 हजार रुपए भरने को कहते हुए उसे कार्यालय बुलाया गया। वृद्ध महिला के पड़ौस में रहने वाले एक भला आदमी निजी बिजली कंपनी के कार्यालय पहुंचा तो उसे वीसीआर की कॉपी देते हुए उसमें लिखी राशि जमा करवाने को कहा गया। जबकि नियम अंतिम मूल्यांकन (फाइनल असेसमेंट) देने का है। जागरुक शख्स ने इस प्रकरण को समझौता कमेटी के समक्ष ले जाने के लिए प्रार्थना पत्र जब बिजली कंपनी के अधिकारियों को दिया तो उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया।

इतना ही नहीं बीकेईएसएल के अधिकारियों ने उपभोक्ता को दी गई वीसीआर की कॉपी में भरी गई प्रोविजनल राशि की 25 प्रतिशत राशि पहले जमा करवाने को कहा। जबकि नियम अंतिम मूल्यांकन (फाइनल असेसमेंट) मेें लिखी गई राशि की 25 प्रतिशत जमा करवा कर प्रकरण को समझौता कमेटी के समक्ष लाने का है। हैरानी की बात तो यह है कि बीकेईएसएल के अािधकारी उपभोक्ताओं को अंतिम मूल्यांकन(फाइनल असेसमेंट) की कॉपी देते ही नहीं हैं। जबकि नियमानुसार उपभोक्ता को अंतिम मूल्यांकन की कॉपी दी जानी चाहिए।

उपभोक्ता के अनुसार कार्यालय में बिजली कंपनी के अधिकारी वीसीआर में भरी गई राशि पर मोलभाव करते हैं, जैसे 63 हजार रुपए की बजाय पहले 55, फिर 50 हजार रुपए राशि का भुगतान करने के लिए दबाव डालते हैं, तब तक उपभोक्ता पर दबाव बनाया जाता है जब तक वो प्रोविजन राशि को जमा करने के लिए तैयार नहीं हो जाता है। कुल मिलाकर प्रोविजनल राशि जो कि 60-70 हजार रुपए बताई जाती है, उसमें से उपभोक्ता से 45-55 हजार रुपए तक ऐंठ लिए जाते हैं, जबकि उसने ना तो बिजली की चोरी की होती है और ना ही उसके घर में इतना विद्युत लोड होता है।

मनमर्जी से भरते हैं वीसीआर में विद्युत लोड

उपभोक्ता के अनुसार विजिलेंस की टीम घर में बने कमरों के हिसाब से ही वीसीआर में विद्युत लोड भरते हैं। एक उपभोक्ता ने कहा कि उसकी वीसीआर में घर में तीन कूलर होना बताया है जबकि उसके घर में सिर्फ दो कूलर ही हैं। उसके घर में विद्युत लोड पोइंट-48 का था जिसे विजिलेंस टीम ने 4.33 किलोवाट का वीसीआर में भर दिया। इतना ही वीसीआर में इतना विद्युत लोड बताकर उसे प्रोविजनल राशि 63 हजार रुपए भरने को कहा गया, जबकि एक अन्य उपभोक्ता की वीसीआर में इतना ही विद्युत लोड दर्शाते हुए इतनी ही प्रोविजनल राशि बताई गई और उससे बार्गनिंग कर 45 हजार में प्रकरण को निस्तारित कर दिया गया।

नहीं सुनते हैं नोडल अधिकारी

बीकेईएसएल के रवैये से परेशान हुए जागरूक उपभोक्ता जब अपनी पीड़ा बिजली सप्लाई कंपनी के नोडल अधिकारी (संभागीय मुख्य अभियंता, जोधपुर डिस्कॉम) के पास पहुंचे तो वहां से उन्हें यह कह कर टरका दिया कि ‘बीकेईएसएल से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।Ó ऐसी स्थिति में उपभोक्ता के सामने संकट खड़ा हो जाता है कि वह अपनी फरियाद लेकर कहां जाए।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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