नापासर पुलिस पर फिर आरोप, दलित किसान को कर रहे प्रताडि़त, देखें वीडियो…

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The accusation on police again, harassing Dalit farmer

दर्ज नहीं किया मामला, हवलदार पर हाथापाई करने के आरोप

दबंगों को दिया जा रहा संरक्षण, कौन सुनेगा गरीब की फरियाद

बीकानेर। जिले के नापासर पुलिस द्वारा एक दलित किसान को प्रताडि़त करने का मामला सामने आया है। इस नए मामले ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि प्रदेश में नौकरशाही हावी है और आमजन की कहीं कोई सुनवाई नहीं है।

न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार पीडि़त किसान छोटूराम नायक आज अपने खेत में चोरी हुई पट्टियों की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए नापासर थाने गया था लेकिन पुलिस ने उसका मामला दर्ज नहीं किया। पीडि़त परिवादी को दो घंटों तक थाने में बैठाए रखा गया और फिर भगा दिया गया। पीडि़त दलित किसान ने आपबीती अपने दोस्त ओमप्रकाश रिणवा को बताई तो रिणवा ने पुलिस थाने पहुंचकर मामला दर्ज करने की गुहार वहां मौजूद हैड कांस्टेबल से लगाई। लेकिन थाने का हैड कांस्टेबल रिणवा के पहुंचने भर से ही आगबबूला हो गया व धक्का-मुक्की कर मारपीट पर उतर गया।

परिवादी के अनुसार उसने पुलिस को बताया था कि उसके खेत में झोंपड़ी बनाने के लिए उसने अपने परिजनों के साथ मिलकर पट्टियां लगाई थी, खेत पर कब्जा करने की नीयत रखने वाले कुछ दबंग लोगों ने वह पटिटयां उखाड़ दीं और उन्हें चोरी कर वहां से ले गए। साथ ही खेत के प्रवेश मार्ग पर लोहे का गेट लगाकर रास्ता बंद कर चले गए। पीडि़त दलित किसान ने पुलिस को दबंगों के नाम भी बता दिए थे, लेकिन पुलिस तो पुलिस ठहरी, वर्दी का रौब गरीबों पर गांठने की आदत से मजबूर हुए पुलिसकर्मियों ने पीडि़त किसान की नहीं सुनी और दोषी दबंगों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय परिवादी को ही वहां से डरा-धमका व मारपीट कर भगा दिया।

पीडि़त दलित किसान के अनुसार इससे पहले भी 15 सितंबर की शाम को वह अपने खेत में झोपड़ी बना रहा था तभी दबंग कैंपर जीप से उसके खेत में जबरन घुस आए और उसे व मजदूरों को जान से मारने की नीयत से जीप से कुचलने का प्रयास किया। सूझबूझ से सभी ने अपनी जान बचाई। तब नापासर पुलिस ने लम्बी जद्दोजहद के बाद देर रात मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन दबंग आरोपी को गिरफ्तार करने की जहमत नहीं उठाई। 16 सितंबर की रात को आरोपी दबंगों ने पीडि़त दलित किसान के खेत से झोंपड़ी के लिए रोपी गए पट्टियां चुरा ली व खेत के प्रवेश मार्ग पर लोहे का गेट लगाकर रास्ता बंद कर दिया।

पुलिस का गरीबों और दलित लोगों के प्रति यह रवैया पहली बार सामने नहीं आया है। प्रदेश में पुलिस की इस प्रकार की करतूतें पहले भी सामने आती रही हैं। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि पुलिस महकमे के आला अधिकारी ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं। वहीं गरीबों के हितों के लिए काम करने वाली सरकार के मंत्री व विधायक इसके खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाते हैं। इतना ही क्षेत्र में छोटे-छोटे मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन कर अपनी राजनीति चमकाने वाले सत्तारूढ़ पार्टी के नेता भी गरीबों व दलितों की आवाज नहीं उठा रहे हैं।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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