विरोध में उतरे छात्र, दोहरी नीति अपना रहे मुख्यमंत्री
बीकानेर। देशभर में एक तरफ कांग्रेस नीट और जेईई की परीक्षा को स्थगित करने के लिए मुहिम चला रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में उसकी ही पार्टी की सरकार 31 अगस्त को प्री-डीलेड परीक्षा आयोजित करवा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस दोहरी नीति का विरोध प्रदेश भर में होने लगा है।
जानकारी के अनुसार करीब साढ़े छह लाख छात्रों को 31 अगस्त को बेसिक एलिमेंट्री एजुकेशन ट्रेनिंग की परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही राज्य में सितंबर में फॉरेस्ट रेंजर और फॉरेस्ट कंजरवेटर के लिए डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की परीक्षा 7 दिनों तक आयोजित कराई जाएगी। गहलोत सरकार नीट और जेईई परीक्षा स्थगित करने के छात्रों की मांग को लेकर समर्थन कर रही है पर राजस्थान लोक सेवा आयोग के तहत होने वाली परीक्षाओं को लेकर राज्य सरकार परीक्षा कराने पर अडिग नजर आ रही है। सरकार की इस दोहरी नीति को लेकर सोशल मीडिया पर छात्रों ने भी इन परीक्षाओं को टालने के लिए कैंपेन चला रखा है।
बेसिक एलिमेंट्री ट्रेनिंग एजुकेशन की परीक्षा जिसे प्री-डीलेड के नाम से जाना जाता है। उसके लिए प्रदेश के प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने विज्ञप्ति जारी की है कि हर सूरत में 31 तारीख को दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक राज्य के 33 जिलों में परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षार्थी किसी भी तरह के भ्रम में नहीं रहे और परीक्षा के लिए हाजिर होंवे।
वहीं राजनीति से जुड़े लोगों का इस बारे में मानना है कि कांग्रेस में अभी सिर्फ एक ही एजेंडे पर काम किया जा रहा है, जो प्रधानमंत्री और उनकी सरकार का विरोध करना है। इसी के चलते कांग्रेस सरकार वाले राज्यों के मुख्यमंत्री नीट और जेईई परीक्षा करवाने का विरोध कर रहे हैं।
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