पार्टी के अग्रिम संगठनों में होनी है नियुक्तियां
वसुन्धरा राजे की सक्रियता ने बढ़ाई दूसरे खेमें की चिंता
बीकानेर। प्रदेश के हालिया सियासी संकट के अंतिम समय में सामने आई प्रदेश भाजपा की खेमेबाजी अभी थमती नजर नहीं आ रही है। प्रदेश भाजपा में संगठन से जुड़े मोर्चों और प्रकोष्ठों आदि में नई नियुक्तियां होने वाली हैं और इसे लेकर पार्टी में अलग-अलग जगह लॉबिंग होती देखी जा रही है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों की बढ़ती सक्रियता को काफी अहम माना जा रहा है।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार प्रदेश में एक माह तक चले सियासी संकट के अंतिम दिनों में वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खेमों के बीच टकराहट देखी गई थी। इसका बड़ा कारण यह था कि पूनिया ने अपनी नई घोषित कार्यकारिणी में वसुंधरा के विरोधी माने जाने वालों को अहम जिम्मेदारियां दीं हैं और साथ ही राजे के समर्थक माने जाने वाले कार्यकर्ताओं को लगभग दरकिनार कर दिया।
अब एक बार फिर वही मौका आ रहा है। पूनिया को पार्टी के युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के अलावा ओबीसी, एससी, एसटी मोर्चा, अल्पसंख्यक, किसान मोर्चा सहित डेढ़ दर्जन से ज्यादा अग्रिम संगठनों के मुखिया बदलने हैं। पूनिया इन मोर्चा व प्रकोष्ठों के नए मुखियाओं की सूची को संगठन से जुड़े अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा कर अंतिम रूप दे रहे हैं। इसी सिलसिले में अभी हाल ही में पूनिया ने प्रदेश महामंत्री (संगठन) चंद्रशेखर से लंबी मंत्रणा भी की है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में वसुंधरा राजे ने दिल्ली जाकर जिस तरह की सक्रियता दिखाई है और उसके बाद प्रदेश में भाजपा की खेमेबाजी उजागर हुई, उसे देखते हुए अबकी बार पूनिया को कोई बीच का रास्ता निकलना पड़ सकता है। यही कारण है कि इन पदों पर नियुक्ति चाहने वाले वसुंधरा राजे के निवास पर भी पहुंच रहे हैं।
जयपुर बैठे सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से राजे के निवास पर मिलने-जुलने वालों की संख्या बढ़ गई है। उनकी सरकार में मंत्री रहे नेताओं के साथ ही कई पूर्व और मौजूदा विधायक, पदाधिकारी आदि जो पिछले दिनों कहीं नहीं दिख रहे थे, अब नजर आ रहे हैं। पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो अभी भी राजे को ही अपना नेता मानते हैं। भाजपा विधायक प्रतापसिंह सिंघवी और एक दो अन्य विधायकों ने तो पिछले दिनों पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा भी था कि उनकी नेता वसुंधरा राजे ही हैं। ऐसे में अब भाजपा के अग्रिम संगठनों में किस खेमें के लोगों को ज्यादा तवज्जों दी जाती है, ये आना वाले कुछ दिनों में सामने आ पाएगा।
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