शिकायतें मिलने के बाद भी हरकत में क्यों नहीं आते ?
नहीं संभल रही पीबीएम की व्यवस्थाएं
बीकानेर। पीबीएम अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं की शिकायतें मिलने के बाद भी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य बुत बन कर बैठे हैं। शहर के जागरूक लोगों ने उनकी शिथिलता पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें भी मिलीभगत का आरोपी बना दिया है।
न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार पीबीएम में सफाईकार्य करवाने वाली फर्म सहित अन्य कार्य करवा रही फर्मों के संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं। निविदा में शामिल की गई शर्तों को दरकिनार कर कार्य कर रहे हैं। वहीं कोविड-19 के तहत मिले बजट को अपने स्वार्थों की पूति करते हुए कॉलेज की खरीद कमेटी ने जबरन खपा दिया है। कोरोना रोगियों को कोविड अस्पताल में कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। वहां सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से चौपट हुई बताई जा रही है।
कोविड सेन्टर और पीबीएम अस्पताल में बदहाल हालात बयां करते वीडियो भी लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वहीं कुछ जागरूक लोगों ने इन सबकी शिकायत लिखित में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. शैतानसिंंह राठौड़ तक पहुंचाई है। इन सबके बावजूद मेडिकल प्राचार्य के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है। शहर में चर्चाएं होने लगी हैं कि मेडिकल कॉलेज प्राचार्य धृतराष्ट्र बने हुए हैं। इनका मौन और शिथिलता सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज तथा पीबीएम अस्पताल को और भी बदहाल कर देगी।
पीबीएम हेल्प कमेटी के अध्यक्ष सुरेन्द्रसिंह राजपुरोहित ने बताया कि महाराजा गंगासिंह ने बीकानेर की जनता के हित के लिए ऐतिहासिक मेडिकल कॉलेज और पीबीएम अस्पताल की सौगात दी थी, उसे वे चंद लोगों के हाथों बर्बाद नहीं होने देंगे। अगर जल्दी ही पीबीएम अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाएं नहीं सुधारी गईं तो वे जनता को साथ लेकर आन्दोलन करेंगे और मेडिकल प्राचार्य का पुतला भी फूकेंगे।
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