अब अशोक गहलोत गुट हुआ नाराज
बीकानेर। सचिन पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद भी प्रदेश कांग्रेस के ऊपर से संकट के बदल छंटते नजर नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के दखल के बाद प्रदेश कांग्रेस में मामला सुलझता तो जरूर नजर आ रहा है पर कार्यकत्र्ता और विधायक स्तर पर अभी भी सब कुछ सामान्य नहीं है।
राजनीति से जुड़े लोगों से मिली जानकारी के अनुसार जिस प्रकार प्रदेश कांग्रेस दो गुटों सचिन और अशोक गहलोत समर्थकों के बीच में बंट चुका है, दोनों गुटों के बीच नाराजगी कम होती नहीं दिख रही है। दोनों गुटों के विधायक एक-दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिस प्रकार से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को ‘नाकारा और निकम्मा’ कह कर कई प्रकार के आरोप लगाए थे, ऐसे में आगे की डगर दोनों नेताओं के लिए आसान नहीं लग रही है।
अगर सचिन पायलट की बात करें तो उन्होंने कल भी मीडिया से बात करते हुए इन बातों को दोहराया था और इस तरह के आरोपों पर नाराजगी जताई थी। ऐसे में जाहिर है कि सचिन समर्थक विधायक और कार्यकर्ता किसी भी कीमत पर इन सभी चीजों को भुलाने के लिए तैयार नहीं होंगे।
अशोक गहलोत समर्थक विधायक की बात करें तो मंगलवार को हुए जैसलमेर में विधायकों की बैठक में भी सब कुछ सामान्य नहीं लग रहा था। कई विधायकों ने बैठक में सचिन पायलट की घर वापसी पर अपनी नाराजगी जताई। कई विधायक का कहना था कि बागी विधायकों को सरकार में कोई पद नहीं दिया जाना चाहिए।
सचिन पायलट लगभग एक महीने तक बाहर रहने के बाद जयपुर लौट चुके हैं और आज की विधायकों की बैठक में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में पायलट और गहलोत गुट के विधायकों के संयुक्त विधायक दल की बैठक ज्यादा महत्वपूर्ण है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के दोनों गुटों के विधायक के बीच सुलह करने के उद्देश्य से ही विधायक दल की बैठक की जा रही है। उसके बाद 14 अगस्त से प्रदेश का विधामसभा सत्र होना है। जानकारी आ रही है कि कांग्रेस के विधायकों को होटल में विधानसभा सत्र हो जाने तक ठहराया जा सकता है। ऐसे में वहां भी दोनों गुटों के विधायक आमने-सामने होंगे।
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