पीबीएम प्रशासन तो है ही लापरवाह, जिला प्रशासन भी नहीं ले रहा सुध
बीकानेर। पूरी दुनिया में कोरोना रोगियों को बेहतर इलाज देने के लिए वहां की सरकारें दिन-रात एक किए हुए हैं। भारत में भी केन्द्र सरकार कोरोना रोगियों के बेहतर इलाज के लिए अरबों रुपए पानी की तरह बहा रही है लेकिन बीकानेर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोरोना रोगी गंदगी के आलम में अपना इलाज करवाने के लिए मजबूर हैं।
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज और पीबीएम को कोरोना रोगियों के अच्छे इलाज और हर संभव सुविधाएं देने के लिए केन्द्र सरकार ने करोड़ों रुपए का बजट दिया है। पीबीएम में सफाई व्यवस्था के लिए हर महीने 20 से 30 लाख रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है। इन सबके बावजूद भी कोरोना रोगियों को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इतनी गंदगी में दिन बिताने पड़ रहे हैं। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कोरोनारोगियों ने वहां के बदहाल हालातों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है, जिसमें कोरोना संक्रमितों ने अपनी पीड़ा को भी बयां किया है।
कोरोना संक्रमित बता रहे हैं कि यहां ना तो कोई डॉक्टर उन्हें पूछता है और न ही कोई नर्सिंगकर्मी। उन्हें इस अस्पताल रूपी जेल में लाकर छोड़ दिया गया है। मेडिकल कॉलेज और पीबीएम प्रशासन की लापरवाही के शिकार हो रहे कोरोनारोगियों ने वहां मौजूद एक अधिकारी को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की गुहार भी लगाई। लेकिन उन्हें उससे मायूसी ही मिली।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इस प्रकार की अव्यवस्थाएं होना कोई पहला मौका नहीं है, बल्कि पिछले साढ़े चार महीनों से वहां इसी प्रकार का खेल खेला जा रहा है। संवेदनशील होने की वजह से वहां कोई नहीं जाता है, इसी का फायदा मेडिकल कॉलेज व पीबीएम प्रशासन के साथ सफाई कार्य करवाने वाली फर्म भी उठा रही है।
उल्लेखनीय यह भी है कि राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को कोविड अस्पताल व सेन्टरों में जाकर नियमित निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं बावजूद इसके जिला प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी इन सेन्टर में जाकर हालात की जानकारी नहीं जुटा रहा है, जिस कारण इस तरह के वाकिये सामने आ रहे हैं।
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