सिटीजन काउंसिल ने रेलवे टनल के लिए आमजन से मांगा समर्थन
बीकानेर। राजनीति में उलझा रेल फाटकों के बंद होने का मुद्दा अब एक बार फिर से गर्माने लगा है। पहले एलिवेटेड रोड और बायपास के बीच उलझी आमजन की यह समस्या कोर्ट में जाकर कुछ समय के लिए स्थिर हो गई थी लेकिन अब सिटीजन काउंसिल की ओर से अंडरग्राउंड टनल बनाए जाने के सुझाव ने इस मुद्दे को फिर सुर्खियों में ला खड़ा कर दिया है।
आज अम्बेडकर सर्किल स्थित एक होटल में मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए सिटीजन काउंसिल के पदाधिकारियों ने रेल फाटकों के बार-बार बंद होने की समस्या से निजात दिलाने के लिए रेलवे टनल प्लान का खुलासा किया।
इतना ही नहीं काउंसिल के कॉउंसिल से जुड़े अमरचंद बिस्सा ने बताया कि पिछले तीन महीनों से उनकी टीम ने रेलवे की कई परियोजनाओं का अध्ययन कर यह प्लान बनाया है।
वहीं रेलवे बोर्ड के पूर्व सेक्रेटरी वरिष्ठ इंजीनियर आरसी चौधरी ने गहन अवलोकन के बाद आज की परिस्थिति में अंडरग्राउंड ट्रेक को फिजिबल बताया है।
उन्होंने कहा कि यह टनल लालगढ़ वर्कशॉप से शुरू होकर घड़सीसर तक बनाई जाने का सुझाव दिया गया है। जिसे रेलवे फाटकों की समस्या के समाधान के साथ बीकानेर-लालगढ़ रेलवे ट्रेक हटने से इस स्थान पर 6 लेन सड़क बनने से लोगों को सुविधा भी मिल सकेगी।
उन्होंने रेलवे बायपास और एलिवेटेड रोड को इस समस्या का पूर्ण समाधान नहीं बताया है।
इस अवसर पर अंडरग्राउंड रेलवे ट्रेक प्लान का लोकार्पण शिवबाड़ी महंत सोमगिरी महाराज के हाथों करवाए जाने से राजनीतिक गलियारों में सोमगिरी महाराज कोआने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जाने लगा है।
सोमगिरी महाराज ने कहा कि वह केवल बीकानेर की जनता की समस्या के लिए किए गए प्रयास को आशीर्वाद देने आए हैं, ना की किसी चुनावी कारण से। जब उनसे राजनीती में आने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने अभी इससे इंकार कर दिया है।
चुनावी समर के बीच 1500 करोड़ रुपए के इस प्लान के लोकार्पण ने बीकानेर की राजनीति में उबाल जरूर ला दिया है।
पहले से कानूनी-दांवपेच में उलझी भाजपा सरकार की एलिवेटेड रोड और कांग्रेस के रेल बायपास के बीच इस नए प्लान के आने से चुनावी रण साधने की कोशिश तो जरुर होगी। लेकिन देखना यह होगा कि जनता को रेलवे फाटकों की समस्या से निजात कब तक मिल पाती है।