सीएमएचओ पर मास्क खरीद में घोटाला करने के पहले ही लग चुके हैं आरोप
कमेटी कर रही है मामले की जांच
बीकानेर। सुपरस्पेशलिटी कोविड अस्पताल और नए जनाना अस्पताल में कोविड सेन्टर में कोरोना रोगियों के लिए बेड बढ़ाए जाने की कवायद प्रशासन की ओर से की जा रही है। तकरीबन तीन सौ बेड खरीदने का जिम्मा बीकानेर कलेक्टर ने सीएमएचओ और पीबीएम अधीक्षक को सौंपा है। ऐसे में प्रशासन पर सवाल खड़े होने लगे हैं कि सीएमएचओ पर पहले ही मास्क खरीद में घोटाले के आरोप लग चुके हैं, फिर इन्हें बेड खरीद की जिम्मेदारी क्यों सौंपी गई है?
सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय की ओर से आज जारी एक समाचार में कलेक्टर नमित मेहता ने पीबीएम सुपरस्पेशलिटी कोविड अस्पताल में सौ बेड और नए जनाना अस्पताल में तीन सौ बेड लगाने के निर्देश पीबीएम अधीक्षक और सीएमएचओ को दिए हैं। इन दोनों स्थानों पर लगने वाले बेड की खरीद करने का कार्य सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा और पीबीएम अधीक्षक डॉ. मोहम्मद सलीम को सौंपा गया है।
यहां गौरतलब है कि कोरोना काल के शुरुआती दिनों में जब स्वास्थ्य विभाग की ओर से एन-95 मास्क की बड़े पैमाने पर खरीद की गई थी, इन मास्क की खरीद मेें सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा पर मास्क खरीद में घोटाला करने के आरोप लगे थे। मीडिया में घोटाले के समाचार प्रकाशित होने के बाद तत्कालीन बीकानेर कलेक्टर कुमारपाल गौतम ने एन-95 मास्क खरीद मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी की ओर से जांच रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
वहीं इस मामले में उस दौरान सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा ने मास्क बनाने वाली कम्पनी को पत्र लिख कर घटिया मास्क सप्लाई करने का जवाब मांगा था, जबकि घटिया मास्क सप्लाई करने वाली फर्म के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इस मामले में लाखों रुपए का गबन करने के आरोप लगने के बावजूद सीएमएचओ को फिर से सरकारी सामान खरीदने की जिम्मेदारी दिया जाना उचित नहीं माना जा सकता है।
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