भारत में रोज आ सकते हैं 2.87 लाख मामले, स्टडी में हुआ खुलासा

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There are 2.87 lakh cases reported daily in India, the study revealed

कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश बन जाएगा

बीकानेर/नई दिल्ली। कोरोना को लेकर भारत में स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। कुल मामलों का आंकड़ा 8 लाख के पार पहुंच गया है जबकि हजारों लोगों की मौत हो गई है। ऐसे में अब बताया जा रहा है कि अगले साल तक इसकी स्थिति और भी खराब हो सकती है। एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) की स्टडी में बताया गया है कि साल 2021 की फरवरी तक भारत में कोरोना के हर दिन 2.87 लाख मामले सामने आ सकते हैं। फिलहाल हर दिन कोरोना के करीब 20 हजार मामले सामने आ रहे हैं। यह स्टडी 84 देशों से उपल्ब्ध हुए डाटा के आधार पर की गई है। यह स्टडी उन 84 देशों की टेस्टिंग और केस डेटा पर आधारित हैं जो विश्व की कुल आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा हैं।

इस स्टडी में ये भी बताया गया है कि 2021 के मार्च से मई महीने तक दुनियाभर में कोरोना के 20 से 60 करोड़ मामले सामने आ जाएंगे। इसमें बताया गया है कि अगले साल तक भारत कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश बन जाएगा। इसके बाद अमेरिका जहां हर दिन 95 हजार मामले, फिर दक्षिण अफ्रीका जहां 21 हजार मामले और फिर इरान आएगा जहां हर दिन 17 हजार मामले आएंगे।

शोधकर्ता हाजहिर रहमनदादए टीवाई लिम और जॉन स्टरमैन ने इस निष्कर्ष तक पहुंचे के लिए एसईआईआर मॉडल (स्टैंडर्ड मैथमैटिकल मॉडल) का इस्तेमाल किया है। संक्रामक रोग रोगों का पता लगाने के लिए एपिडेमियोलॉजिस्ट इसी मॉडल का इस्तेमाल करते हैं। इस शोध में तीन बेहद खास परिदृश्यों (सिनैरियो) का ध्यान रखा गया है। पहला, मौजूदा टेस्टिंग रेट और उसका प्रभाव क्या होगा। दूसरा, यदि 1 जुलाई, 2020 के बाद से टेस्टिंग रेट में 0.1 फीसद इजाफा होता है। तीसरी, अगर टेस्टिंग मौजूदा स्तर पर ही रहती है, लेकिन संपर्क दर का जोखिम 8 पर होता है यानी एक संक्रमित व्यक्ति कम से कम 8 लोगों को संक्रमित करता है।

अगर टेस्टिंग रेट मौजूदा गति के हिसाब से चलता रहा और कॉन्टैक्ट रेट 8 तक सीमित रहा तो तेजी से बढ़ रहे मामलों में भारी गिरावट भी आ सकती है। तीसरे सिनेरियों के अनुसार, कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों की संख्या वैश्विक स्तर पर 60 करोड़ तक हो सकती है। अध्ययन यह भी कहता है कि भविष्य के परिणाम टेस्टिंग पर काम और बीमारी के प्रसार को कम करने के लिए समुदायों और सरकारों की इच्छा पर अधिक निर्भर हैं।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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