जल्द शुरू होगा क्लीनिकल ट्रायल
बीकानेर। कोरोना महामारी के कहर को रोकने के लिए वैज्ञानिक दिन-रात वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। कई देशों में वैक्सीन का ट्रायल जारी है। इस बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए वैज्ञानिकों को गाय के शरीर में एक नया हथियार मिल गया है। गाय के शरीर के एंटीबॉडीज का उपयोग कोरोना वायरस को खत्म करने में किया जा सकता है। ये दावा अमेरिका की एक बायोटेक कंपनी ने किया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अमेरिकी बायेटेक कंपनी सैब बायोथेराप्यूटिक्स ने कहा है कि जेनेटिकली मॉडीफाइड गायों के शरीर से एंटीबॉडी निकाल कर उनसे कोरोना वायरस को खत्म करने की दवा बनाई जा सकती है। कंपनी जल्द ही इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने वाली है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में संक्रामक बीमारियों के फिजिशियन अमेश अदाल्जा ने कहा कि यह दावा बेहद सकारात्मक, भरोसा देने वाला और आशाजनक है। हमें कोरोना वायरस को हराने के लिए ऐसे विभिन्न हथियारों की जरूरत पड़ेगी।
खुरों में एंटीबॉडीज को किया जा रहा डवलप
आमतौर पर वैज्ञानिक एंटीबॉडीज की जांच पड़ताल प्रयोगशालाओं में कल्चर की गईं कोशिकाओं या फिर तंबाकू के पौधे पर करते हैं। लेकिन बायोथेराप्यूटिक्स 20 साल से गायों के खुरों में एंटीबॉडीज को डेवलप कर रही है। जिसके बाद कोरोना के वैक्सीन बनाने को लेकर यह दावा किया गया है। कंपनी गायों में जेनेटिक बदलाव करती है। ताकि उनके इम्यून सेल्स (प्रतिरोधक कोशिकाएं) और ज्यादा विकसित हो सकें। खतरनाक बीमारियों से लड़ सकें। साथ ही ये गाय ज्यादा मात्रा में एंटीबॉडीज बनाती हैं जिनका उपयोग इंसानों को ठीक करने में किया जा सकता है। गाय अपने आप में बॉयोरिएक्टर है ।
पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के इम्यूनोलॉजिस्ट विलियम क्लिमस्त्रा ने कहा कि इस कंपनी के गायों की एंटीबॉडीज में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को खत्म करने की ताकत है। गाय अपने आप में एक बायोरिएक्टर है। वह भयानक से भयानक बीमारियों से टकराने के लिए भारी मात्रा में एंटीबॉडीज बनाती है। गाय के प्लाज्मा को लैब में जांचा गया तो पता चला कि यह इंसानी प्लाज्मा थैरेपी यानी कोवैलेसेंट प्लाज्मा थैरेपी से चार गुना ज्यादा ताकतवर है। यह कोरोना वायरस को इंसान के शरीर की कोशिकाओं में घुसने ही नहीं देता।
Kamal kant sharma and Bhawani joshi newsfastweb.com