पीबीएम : चहेती फर्म को काम दिलवाने के लिए बदल डाली निविदा की शर्तें
बीकानेर। राजनीतिक रसूखदार अपनी चहेती फर्म को काम दिलवाने के लिए किस कदर पीबीएम प्रशासन पर दबाव बनाए हुए हैं, ये अभी हाल ही में पीबीएम प्रशासन की ओर से संविदा पर रखे जाने वाले वार्ड बॉय की निकाली गई निविदा में देखने को मिल रहा है।
दरअसल, पीबीएम अस्पताल में 144 वार्ड बॉय संविदा पर रखे जाने के लिए सितम्बर, 2019 में निविदा निकाली गई थी, लेकिन रसूखदारों के प्रभाव में आकर पीबीएम प्रशासन ने ये निविदा रद्द कर दी। इसके बाद फिर से इस वर्ष फरवरी महीने में इसी कार्य के लिए निविदा निकाली गई, जो कि फिर से रद्द कर दी गई। अब मई महीने के अन्त में 144 वार्ड बॉय के लिए निविदा निकाली गई लेकिन इसमें निविदा में पहले दो बार निकाली गई निविदाओं में शामिल शर्तों को ही बदल दिया गया।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक निविदा में शामिल होने वाली ज्यादातर प्लेसमेंट एजेन्सियां या फर्में इन शर्तों को पूरा नहीं कर सकें और राजनीतिक रसूखदारों की चहेती फर्म ये काम हासिल कर सके, इसलिए निविदा भरने की शर्तों को बदला गया है। दरअसल, सियासी गलियारों में पहुंच रखने वाले शहर के कुछ रसूखदार पीबीएम अस्पताल में मानव संसाधन आपूर्ति करने सहित अन्य कार्यों को सिर्फ अपनी चहेती फर्मों को दिलवाना चाह रहे हैं, इसलिए ही उन्होंनेे वार्ड बॉय आपूर्ति करने वाली निविदा में शर्तों को बदलवा दिया है।
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले दो बार निकाली गई निविदाओं में शर्तें रखी गई थीं कि निविदा भरने वाली फर्म का 50 लाख रुपए का सालाना टर्न ओवर होना चाहिए, फर्म के पास 40 वार्ड बॉय आपूर्ति करने का अनुभव होना चाहिए। जबकि इस बार निकाली गई निविदा में फर्म के लिए दो करोड़ रुपए का सालाना टर्न ओवर वह भी पिछले तीन वर्षों में से किन्हीं दो वर्षों का होना जरूरी किया गया है। वहीं निविदा भरने वाली फर्म को 72 कर्मचारियों का ना कि वार्ड बॉय का अनुभव होना जरूरी किया गया है। यहां इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी है कि निविदा के जरिए 144 वार्ड बॉय की ही मांग की गई है। इतना ही नहीं इस बार जारी की गई निविदा में 50 लाख की बैंक गारन्टी भी मांगी गई है, जो आज तक ऐसे किसी कार्य के लिए जारी की गई निविदा में नहीं मांगी गई है।
कुल मिलाकर सियासत गलियारों के चाटूकार लोग पीबीएम प्रशासन पर दबाव डालकर अपना स्वार्थ सिद्ध करनेे की कोशिश कर रहे हैं। राजनेताओं की चापलूसी करने वाले ऐसे राजनीतिक रसूखदारों के खिलाफ अब लोग लामबंद होने लगे हैं।
Kamal kant sharma and Bhawani joshi newsfastweb.com