कोटगेट और छतरगढ़ थानाप्रभारी ने की अनूठी पहल
बीकानेर। कोरोना महामारी के दौरान पुलिस का पॉजिटिव फेस देखने को मिला है। देश भर में पुलिस जवानों में वर्दी के भीतर छुपे इंसान नजर आए हैं। ऐसा ही कुछ बीकानेर में भी देखने को मिला है। कोटगेट और छतरगढ़ थानाप्रभारी ने जिंदादिली दिखाते हुए मानव सेवा को प्राथमिकता दी है।
न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार कोटगेट थाना क्षेत्र में कफ्र्यू लगे इलाके में एक अस्सी वर्षीय वृद्ध महिला अपनी पचास वर्षीय बेटी के साथ रह रही हैं। लॉकडाउन के दौरान उन्हें खाने-पीने की परेशानी हो गई। ये जानकारी कोटगेट थानाप्रभारी धरम पूनिया को मिली तो उन्होंने दोनों महिलाओं के लिए भोजन का प्रबंध कराया, चिकित्सा व्यवस्था की, साथ ही उनकी समय-समय पर खैर-खबर लेने के लिए कांस्टेबल ताराचन्द को नियुक्त किया। बताया जा रहा है कि वृद्ध महिला की एक बेटी और भी जो किसी अन्य राज्य में बड़ी कंपनी में कार्यरत है। कोटगेट थानाप्रभारी ने उससे भी सम्पर्क किया था लेकिन उस महिला की अपनी मां के प्रति कोई रूचि नहीं दिखाई दी। फिलहाल कोटगेट थानाप्रभारी धरम पूनिया इन दोनों महिलाओं की देखभाल कर रहे हैं।
इसी प्रकार छतरगढ़ थानाप्रभारी सुरेन्द्र बारूपाल ने भी राष्ट्र के प्रति अथाह प्रेम दिखाया है। उन्होंने कोरोना महामारी के इलाज के लिए तैयार की जा रही वैक्सीन के प्रयोग के लिए अपना शरीर राष्ट्र को सौंपने का एलान किया है। छतरगढ़ थानाप्रभारी ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर इस प्रकार की इच्छा जाहिर की है। छत्तरगढ़ थानाधिकारी सुरेन्द्र बारूपाल की ओर से सीएम को लिखे गए पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी के इलाज के लिए वैक्सीन या अन्य दवाई के प्रयोग के लिए वैज्ञानिकों को अगर शरीर की जरूरत हो तो उनका शरीर इस प्रयोग के लिए तैयार है।
इन दोनों पुलिस अधिकारियों की जिंदादिली समूचे पुलिस महकमे में चर्चा के साथ-साथ गौरव का विषय बनी हुई है। विभाग के आला अधिकारी भी अपने इन कार्मिकों पर नाज कर रहे हैं। वर्दी के भीतर छिपे इंसान और पुलिस का पॉजिटिव फेस देखकर भी लोगों के मन में पुलिस के प्रति सम्मान बढ़ता दिखाई दे रहा है।
Kamal kant sharma and Bhawani joshi newsfastweb.com