संक्रमण दर को लेकर देश में स्थिति काबू में
बीकानेर/नई दिल्ली। देश में कोरोना के पहले पीडि़त के सामने आने केदो महीने बाद संक्रमित लोगों की संख्या पौने दो हजार हो चुकी है। पिछले सप्ताह में एक हजार कोरोना पीडि़तों की संख्या पार करने वाला भारत दुनिया के 20 देशों में शामिल हो चुका है।
संक्रमण दर को लेकर भारत की स्थिति अभी काबू में कही जा सकती है। सरकार इसे नियंत्रित सामुदायिक संक्रमण कह रही है। आज से शुरू हुए सप्ताह में बढऩे वाले नए मामलों की संख्या यह तय करेगी कि देश में कोरोना वायरस के प्रकोप की स्थिति कैसी रहने वाली है। इसी से यह भी पता चलेगा कि पूरे देश में एक सप्ताह के लाकडाउन का क्या असर रहा। पिछले सप्ताह जिन देशों ने एक हजार मामलों का आंकड़ा पार किया उनमें रोजाना वृद्धि दर बहुत कम रही।
वृद्धि दर कम रहने के पीछे माना जा सकता है कि कोरोना वायरस के शुरुआती प्रकोप से जूझने वाले देशों से इन देशों ने बहुत कुछ सीखा है। तभी भारत सहित इन देशों में लाकडाउन और शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) पर तेजी के साथ भरोसा किया। इटली और स्पेन में तब कड़े कदम उठाए गए जब वहां पर यह वायरस व्यापक रूप से फैल चुका था।
भारत में लॉकडाउन कदम के भीतर उसका 1000वां मामला सामने आया। लिहाजा अगले सप्ताह आने वाले नए मामले यह तय करेंगे कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम कितने प्रभावकारी साबित हो रहे हैं। हालांकि इस तस्वीर का एक आयाम यह हो सकता है कि अगर एक हजार मामलों के बाद भारत में संक्रमितों की दर चीन सरीखी रहती है तो भारत में संक्रमितों की संख्या नौ हजार पार कर सकती है। हालांकि इसका दूसरा पहलू यह भी है कि अगर भारत में संक्रमितों की संख्या में जापान का ट्रेंड दिखता है तो हमारे देश में संक्रमितों की संख्या 1500 के आसपास रह सकती है।
फिलहाल यह अनुमान है, आने वाले सात दिनों में देश की तस्वीर काफी साफ हो जाएगी। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉक डाउन का निर्णय और देशों की अपेक्षा सही समय पर ले लिया। इस निर्णय की वजह से ही अभी तक हमारे देश में कोरोना संक्रमित रोगी अन्य देशों की तुलना में काफी कम रहे हैं।