रोडवेज कर्मियों ने किया अर्धनग्न प्रदर्शन, मुख्यमंत्री का पुतला फूंका

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रोडवेज कर्मियों
27 जुलाई-2018 को हुए समझौते को लागू करने की मांग

बीकानेर। केन्द्रीय बस स्टेण्ड पर आज रोडवेज कर्मियों ने 27 जुलाई 2018 के समझौते को लागू करने की मांग को लेकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी रोडवेज कर्मियों ने मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका।

प्रदर्शनकारी रोडवेज कर्मियों के मुताबिक संयुक्त मोर्चे के आह्वान पर बस स्टेंड पर सेवारत व सेवानिवृत रोडवेज कर्मी एकत्र हुए। सरकार की अनदेखी पर रोष व्यक्त करते हुए सभी रोडवेज कर्मियों ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाल कर अपना विरोध व्यक्त किया। इसके बाद सभी प्रदर्शनकारियों ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका।

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 5 महीने के लंबे संघर्ष के बाद 27 जुलाई-2018 को परिवहन मंत्री व संयुक्त मोर्चा के बीच समझौता हुआ था। जिसके तहत रिटायरमेंट कर्मचारियों के भुगतान के लिए 150 करोड़ रुपए देने, आठ हजार रिक्त पदों को भरने का समझौता हुआ था। साथ ही रोडवेज कर्मियों के सातवें वेतन के अनुसार वेतन-भत्तों व नई बसों के संदर्भ में कमेटी गठित की गई।

कमेटी को 31 अगस्त तक क्रियान्वयन के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी लेकिन सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। डेढ़ सौ करोड़ की बजाय सिर्फ लगभग 48 करोड़ 81 लाख रुपए ही दिए गए। नई भर्ती के संदर्भ में कोई फैसला नहीं लिया गया। कमेटी का गठन 25 अगस्त को किया गया जिसने आज तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।

रोडवेज कर्मचारियों के मुताबिक समझौता लागू नहीं होने की स्थिति में इसी महीने की 15 व 16 सितंबर को 24 घंटे के प्रदेशव्यापी धरने दिए जाएंगे। 17 सितंबर लगते ही रात 12 बजे से 24 घंटे का प्रदेश में रोडवेज का चक्का जाम हो जाएगा।

प्रदर्शन में एटक के धर्मवीर चौधरी, सीटू के किशनसिंह राठौड़, इन्टक के देवकरण चौधरी, सेवानिवृत कर्मी एसोसिएशन के हरगोविन्द शर्मा, शिशुपाल सिंह सहित कई जने शामिल थे।

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