कक्कू गांव की घटना, झोलाछाप डॉक्टर ने गांव में बिगाड़ा था केस
बीकानेर। जिले के कक्कू गांव में रहने वाली मोहिनी देवी की गुरुवार रात को पीबीएम अस्पताल के आईसीयू वार्ड में मौत हो गई थी। महिला की मौत के बाद परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं करने तक शव लेने से इंकार कर दिया। पुलिस से आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने शव ले लिया और उसका अंतिम संस्कार किया।
न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार तीन मार्च को मोहिनी देवी को बुखार आ गया था। जिस पर उसके परिजन गांव में स्थित सेफराज मेडिकल स्टोर पर दवाई दिलाने के लिए उसे लेकर गए थे। जहां आसूसिंह नामक व्यक्ति ने खुद को बागड़ी अस्पताल का डॉक्टर बतातेे हुए मोहिनी देवी को इंजेक्शन लगा दिया था। इंजेक्शन लगाने के आधे घंटे बाद मोहनी देवी की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। उसके बाद परिजन मोहिनी देवी को नोखा केे राजकीय अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसकी हालात देखते हुए उसे पीबीएम अस्पताल भेज दिया।
पीबीएम में मोहनी देवी ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इस संबंध में राजाराम मेघवाल ने झोलाछाप डॉक्टर आसूसिंह के खिलाफ पांचू पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया। मौत की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पांचू थानाधिकारी ने परिजनों के साथ वार्ता की लेकिन परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद परिजनों और पुलिस में सहमती बनी। जिसके बाद ने परिजन शव लेकर चले गए।
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