विभिन्न मुद्दों पर हुआ मंथन
जयपुर। ज्ञानम फाउण्डेशन की ओर से आयोजित दो दिवसीय आध्यात्मिक महोत्सव ज्ञानम का आज समापन हुआ। समापन वाले दिन राम मंदिर कितनी हकीकत, कितना फसाना, मन मंशा और मिशन सहित राजनीति में धर्म का इस्तेमाल कितना सही कितना गलत और गीता पुराण शाश्वत सत्य सनातन संस्कार और भीड़तंत्र का मंत्र जैसे विषयों पर गहन मंथन किया गया।
समापन सत्र में अलग-अलग सेशन में मुगल काल के आखिरी वंशज प्रिंस याकूब तुसी, आचार्य श्रद्धानंद दीप बाबा, धनेश मणि त्रिपाठी, शहजाद पूनावाला और ज्योति किरण मौजूद रहे।
पहले ही सत्र के सेशन में श्रृद्धानंद दीप बाबा ने कहा कि ‘आज मैं ज्ञानम फेस्टिवल के इस मंच पर यह घोषणा करता हूं कि दिसंबर-2019 तक इस देश की राजनीति और सर्वोच्च न्यायालय राम मंदिर बनाने के लिए विवश हो जाएंगे’।
वहीं ज्ञानम के शहजाद पूनावाला से सवाल ‘आपने कांग्रेस क्यों छोड़ दी’, इसका जवाब देते हुए पूनावाला का साफ तौर पर कहना था कि मेरी कांग्रेस गांधी की कांग्रेस है ना कि राहुल गांधी की। जिनके माता-पिता इटली में रहे और जिस परिवार ने देश लिए कुछ नहीं किया हो, उनको भी इस देश में जगह दी जाती है तो इससे बड़ी हमारे संसद की और क्या पवित्रता होगी। ऐसे लोगों के लिए देश में जगह हैं तो साधु-संत भी तो फिर संसद में जा ही सकते हैं।
वहीं ज्योति किरण का कहना था कि हमारे बीच आज दो तरह के हिंदू हैं, एक वो जो न्यू हिंदू हैं और दूसरे वो जो शूडो हिंदू हैं। इन दोनों के बीच ही सबकुछ चल रहा है।
समापन समारोह में ज्ञानम फाउंडेशन के संस्थापक दीपक गोस्वामी, डॉ. कुमार गणेश, न्यूज 18 राजस्थान के स्टेट हैड श्रीपालसिंह शक्तावत, बीकानेर के पत्रकार अनुराग हर्ष सहित कई जने मौजूद रहे।