कम हो रहे वेतनमान से गुस्साए प्रदेश के कर्मचारी, आन्दोलन की तैयारी

0
190
प्रदेश के कर्मचारी

कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष ने किया ऐलान

बीकानेर। गहलोत सरकार की ओर से ग्रेड पे कटौती व बकाया डीए को लेकर प्रदेश के कर्मचारी बड़े आन्दोलन की तैयारियों में जुट गए हैं। इस आन्दोलन की शुरुआत आज बीकानेर में कर्मचारी जागरूकता अभियान से की गई है।

आन्दोलन के संदर्भ में आज बीकानेर आए अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष केसरसिंह चंपावत ने मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के एक आदेश से प्रदेश के डेढ़ से दो लाख कर्मचारियों के वेतनमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है। इस वर्ष जुलाई में जो कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं, उनकी पेंशन पर भी संशोधन के कारण रोक सी लग गई है। कर्मचारियों के हितों को घायल किए जाने के बाद भी अब तक कर्मचारी संगठन मौन साधे हुए हैं लेकिन महासंघ चुप बैठने वाला संगठन नहीं है। कर्मचारियों के हितों के लिए पहले सरकार को कर्मचारियों की भावना से अवगत कराया जाएगा। अगर सरकार कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए मांगें नहीं मानती है तो प्रदेश में व्यापक आन्दोलन किया जाएगा।

चंपावत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय है कि बढ़ा हुआ वेतन कम नहीं किया जा सकता लेकिन प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारियों पर रहम नहीं किया। कर्मचारी की रीकवरी न्यूनतम एक लाख से अधिकतम चार लाख रुपए तक की जा रही है। हालांकि, इसके विरोध में पीडि़त कर्मचारियों ने न्यायालय की शरण ली है।

चंपावत ने कहा कि सांवत कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि जुलाई,2019 से कर्मचारियों को 5 प्रतिशत बकाया डीए तुरंत दिया जाए, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी गहलोत सरकार ने कर्मचारियों को डीए नहीं दिया है। उन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने तथा संविदा व निविदा पर लगे कार्मिकों को नियमित करने की मांग भी सरकार के सामने रखी।

Kamal kant sharma newsfastweb.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here