कयास लगाए जाने शुरू, फैसला गहलोत सरकार पर
बीकानेर। प्रदेश में अब शराबबंदी किए जाने की कवायद की बातें सामने आने लगी हैं। प्रदेश में शराबबंदी की घोषणा से पहले प्रदेश के चार आलाअधिकारियों ने बिहार का दौरा किया है। प्रदेश के आला अधिकारियों के बिहार के दौरे को लेकर सियासी गलियारों में शराबबंदी किए जाने की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। लोग भी कयास लगा रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी के बाद अब राजस्थान अगला राज्य होगा जहां इसे लागू किया जाएगा।
सियासी गलियारों में पहुंच रखने वाले लोगों ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि प्रदेश के अधिकारियों की एक टीम ने शराबबंदी से जुड़े कानून और समाज पर इसके प्रभाव के साथ इसे अमल में लाने की नीति को लेकर सर्वे किया है। शराबबंदीलागू करने से पहले प्रदेश के चार अधिकारियों की एक टीम बिहार के गोपालगंज में पहुंची। यह इलाका यूपी की सीमा से सटा हुआ है। टीम ने यहां के ग्रामीण इलाके का सर्वे किया। इसके साथ ही गांव के लोगों से भी बातचीत की है कि शराबबंदी लागू होने के बाद लोगों के रहन सहन और उनके जीवन स्तर में क्या बदलाव आया है।
सफल शराबबंदी लागू कराने वाले राज्यों में बिहार
बिहार देश के उन राज्यों में से एक है जिनमें सफल तरीके से शराबबंदी लागू की गई है। इससे पहले भी कई राज्यों में शराबबंदी लागू करने की कोशिश की गई लेकिन वह सफल नहीं हो सका। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि गोपालगंज के जिलास्तर के अधिकारियों ने राजस्थान में भी शराबबंदीसे जुड़ी कोई स्कीम लाने पर प्रदेश की सरकार की ओर से विचार किया जाना स्वीकारा है।
चार सदस्यों की टीम किया है सर्वे
न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार की ओर से जो टीम बिहार में शराबबंदीकानून की स्टडी के लिए पहुंची है उनमें आबकारी विभाग के अतिरिक्त उत्पाद आयुक्त सीआर देवासी, उत्पाद आयुक्त संजय दुग्गल, सहायक उत्पाद आयुक्त गजेन्द्र सिंह राजपुरोहित और ईश्वर सिंह चौहान शामिल थे। बताया गया कि टीम ने बिहार में इस बात का सर्वे किया है कि इसे बिहार में किस प्रकार लागू किया गया था। इसे लागू करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उनसे किस प्रकार निपटा गया।
इसके साथ ही इस बात की भी जानकारी ली जा रही कि शराबबंदी लागू करने के बाद होने वाले राजस्व की हानि को किस प्रकार भरपाई की जाएगी। फिलहाल राजस्थान सरकार को हर साल शराबबंदीसे 1500 करोड़ रुपये की आमदनी होती है। शराबबंदीकी घोषणा के बाद इससे होने वाले नुकसान की भरपाई किया जाना प्रदेश की सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
Kamal kant sharma newsfastweb.com