सेशन न्यायाधीश, विशेष न्यायालय, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम ने किया दण्डित, जुर्माना भी लगाया
बीकानेर। नौ वर्ष की बच्ची के साथ दुष्कर्म के एक मामले में सेशन न्यायाधीश, विशेष न्यायालय, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 ने मुल्जिम को बीस (20) वर्ष के कारावास और तीस हजार रुपए बतौर अर्थदण्ड की सजा दी गई है। सरकार की ओर से पैरवी पीपी (लोक अभियोजक) सुभाष साहू ने की।
पीपी सुभाष साहू ने प्रकरण की जानकारी देते हुए न्यूजफास्ट वेब को बताया कि वर्ष-2018 में जिले के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में यह वारदात हुई थी। नौ वर्ष की बच्ची मोहल्ले में जागरण सुनने गई थी। इस दौरान आरोपी गंगासिंह पुत्र बुद्धराम उसे मंदिर दिखाने के बहाने से वहां से ले गया। सूनसान स्थान पर ले जाकर आरोपी ने नौ वर्ष की बच्ची के साथ दरिन्दगी की। गौरतलब है कि मुल्जिम पीडि़ता का नजदीकी रिश्तेदार था, जिस पर भरोसा जताते हुए पीडि़ता उसके साथ चली गई थी। परिजनों ने श्रीडूंगरगढ़ पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया।
यहां पोक्सो न्यायालय में मामले की सुनवाई की गई। जहां आज मुल्जिम गंगासिंह को भारतीय दफा संहिता की विभिन्न धाराओं में अलग-अलग कुल 20 वर्ष के कारावास से दण्डित किया। साथ ही न्यायालय ने मुल्जिम पर 30 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया। परिवादी की ओर से श्रवण जनागल एडवोकेट ने पैरवी की।
Kamal kant sharma newsfastweb.com