एक ही किताब को तीन से चार पार्ट में बांटा जाएगा
बीकानेर। स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर आ रही है। अब उन्हें भारी-भरकम बस्ते से निजात मिल जाएगी। सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है। जल्द ही स्कूली बस्ते का बोझ कम होगा। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, शिक्षा को रूचिकर और आनंदमयी बनाने व बस्ते का बोझ कम करने के लिए प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के हर जिले से अभी एक सरकारी स्कूल का इसके लिए चयन किया गया है। इसी सत्र में अगले महीने से बस्ते का बोझ कम करने का काम शुरू हो जाएगा। पिरामल फाउंडेशन के सहयोग से यह कार्य किया जा रहा है। किताबें सरकारी स्कूल में बच्चों को नि:शुल्क दी जाएगी। अभी यह योजना सिर्फ सरकारी स्कूलों में शुरू की जा रही है। इसमें संस्कृत शिक्षा के स्कूल भी शामिल हैं। योजना सफल रही तो इसे सभी स्कूलों में लागू किया जाएगा।
यह होगा बदलाव
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वर्तमान में निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा एक से आठ में चल रही किताबों को अलग-अलग पार्ट में बांटा जाएगा। हर किताब के तीन से चार पार्ट किए जाएंगे। अब बच्चा तीन किताबों की बजाय एक किताब लेकर स्कूल जाएगा। कक्षा एक से पांच में संचालित प्रत्येक विषय की पाठ्यपुस्तक को तीन-तीन भागों में बांटा जाएगा। कक्षा एक व दो में हिन्दी, गणित व अंग्रेजी की किताब को तीन भागों में बांटा जाएगा। कक्षा तीन से पांच की हिन्दी, गणित, अंग्रेजी और पर्यावरण अध्ययन विषय की किताबों को तीन भागों में बांटा जाएगा। इन किताबों का नाम ‘आओ खेलें’ रखा जाएगा। इसी प्रकार कक्षा छह से आठ की किताबों को चार भागों में बांटा जाएगा।
खेल-खेल में सीखेंगे बच्चे
स्कूल में बच्चे इन नई किताबों से खेल-खेल में सीखेंगे। किताबों को रूचिकर बनाया जा रहा है। किताबों में सांप-सीढी, क्विज आदि तो होंगे ही साथ ही संविधान के मूल कर्तव्य, पंचतंत्र की कहानियां, शिक्षा के अधिकार आदि की जानकारी होगी।
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