दस महीने का हो गया कार्यकाल, अब ब्यूरोक्रेस से नाखुश बताए जा रहे हैं मुख्यमंत्री
बीकानेर। प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस की गहलोत सरकार का दस महीने का कार्यकाल पूरा हो गया लेकिन इन दस महीनों के कार्यकाल में गहलोत सरकार विधानसभा चुनाव में घोषित किए गए अपने घोषणा पत्र में किए गए 502 वादों में सिर्फ 12 वादे ही पूरे कर सकी है।
जयपुर बैठे राजनीतिक विश्लेषकों से न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार सत्ता संभालने के बाद पिछले साल 29 दिसंबर को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में कांग्रेस के जनघोषणा पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाने का निर्णय लिया गया था। तब गहलोत ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को जनघोषणा पत्र थमाकर घोषणाओं पर बिंदुवार क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से भी विभागों की 100 और 300 दिन की कार्ययोजना मांगी थी। मंत्रियों ने कार्य योजना तो मुख्यमंत्री को सौंप दी लेकिन चुनाव में किए गए ज्यादातर वादों को पूरा करने का काम अब तक नही हो सका है। गहलोत सरकार ने अब तक किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता, स्थानीय निकाय चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता जैसे एक दर्जन वादे तो पूरे किए। लेकिन दिल्ली की मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर जनता क्लिनिक खोलने जैसे महत्वपूर्ण वादों पर अब तक अमल नहीं हो सका है।
ब्यूरोक्रेसी से नाखुश बताए जा रहे हैं सीएम
जानकारी के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ब्यूरोक्रेसी की कार्यप्रणाली से नाखुश बताए जा रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को जनघोषणा पत्र के वादों पर तत्काल अमल शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से भी विभागवार घोषणाओं की समीक्षा कर पूरा करने को लेकर कार्ययोजना बनाने के लिए कहा है। लिहाजा अब मंत्री और मुख्य सचिव एक्शन मोड में आ गए हैं। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद मुख्य सचिव ने पांच नवंबर को सभी विभागों के प्रमुख सचिवों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रत्येक घोषणा के क्रियान्वयन को लेकर समय तय किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सरकारी दस्तावेज बने जनघोषणा-पत्र और सीएम की बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लिए विभागों के सचिवों को टाइमलाइन के साथ एक्शन प्वांइट देने के निर्देश दिए हैं। बजट घोषणाओं पर भी इस बैठक में चर्चा होगी।
गौरतलब है कि 17 दिसंबर को गहलोत सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। एक साल में जनघोषणा पत्र के वादे और बजट घोषणाओं को कितना हकीकत में बदला गया, यह रिपोर्ट कार्ड आम लोगों के सामने पेश किया जाएगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को संपूर्ण ब्यौरा देने के निर्देश दिए हैं।
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