पिछले आठ वर्षों से लगातार कर रहे हैं उर्दू में रामायण का वाचन
बीकानेर। देश में जहां इन दिनों भगवान राम को लेकर सियासी पारा उफान पर है। वहीं बीकानेर के मुस्लिम बिरादरी के लोग पिछले आठ वर्षों से कौमी एकता का संदेश उर्दू मे रामायण का वाचन कर दे रहे हैं।
चौंक गए ना !! आज तक आपने रामायण संस्कृत या हिंदी में कई बार सुनी और पढ़ी होगी लेकिन जब कोई उर्दू में रामायण वाचन की बात करे तो अपने आप में कुछ अलग ही एहसास होता है। न्यूजफास्ट वेब जी हां, बीकानेर में दिवाली के मौके पर कुछ ऐसे ही अलग अन्दाज़ में उर्दू में रामायण का वाचन किया जाता है। जिसे सुनकर हर कोई अभिभूत है। जहां एक ओर कुछ लोग सम्प्रदाय के नाम पर एक-दूसरे का गला काटने को तैयार दिखाई देते हैं वहीं बीकानेर में रामायण का उर्दू में वाचन मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना का संदेश दे रहा हैं।
बीकानेर में दिवाली पर एक ऐसी रामायण का वाचन किया जा रहा है, जिसका अन्दाज़-ए-बयां कुछ अनोखा ही है। उर्दू में लिखी रामायण का वाचन यहां के पर्यटन लेखक संघ और महफिले अदब पिछले कई वर्षों से लगातार करते आ रहे हैं। न्यूजफास्ट वेब बीकानेर में वाचन होने वाली इस उर्दू रामायण को सन् 1936 में लखऩऊ के मौलवी बादशाह राना लखनवी ने बीकानेर में ही लिखा था, जिसे गोल्ड मैडल से भी नवाज़ा गया था और उर्दू में लिखी छंद की सबसे बेहतरीन रामायण माना जाता है। न्यूजफास्ट वेब ख़ास बात यह है कि ये सिर्फ़ नौ पृष्ठ की है, जिसमें छह-छह पंक्तियों के अंदर पूरी रामायण समाई हुई है।
दरअसल, 1936 मौलवी राणा ने उर्दू में इस रामायण को लिखा था। बीकानेर में राणा उस वक्त बीकानेर के महाराजा गंगासिंह के उर्दू-फारसी के फरमान अनुवाद किया करते थे। इस रामायण की सबसे खास बात ये है कि इसको महज़ 30 मिनट में पढ़ा जा सकता है। newsfastweb.com
पिछले आठ वर्षों से लगातार रामायण का वाचन दीपावली के समय साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश देने के उद्देश्य से किया जाता है। आयोजन से जुड़े हाजी फरमान अली कहते हैं कि न्यूजफास्ट वेब राम हिन्दू मुस्लिम के न होकर सबके हंै। उन्होंने बताया कि उर्दू रामायण की मूल कॉपी तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसे हमारी आने वाली पीढ़ी राम के जीवन के बारे में जान सकती है।
kamal kant sharma newsfastweb.com