बजट की स्वीकृति लेना भूला देवस्थान विभाग, प्रदेश के 33 जिलों में स्थित 35 शिवालयों में सावन मेें होता है रुद्राभिषेक
बीकानेर। प्रदेश में खुशहाली और अच्छी वर्षा की कामना के लिए देवस्थान विभाग शिव-शंकर प्रिय सावन के महीने के चार सोमवार व दो प्रदोष पर शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक करवाता है। इसके लिए विभाग सरकार से अलग से बजट स्वीकृत करवाता है, लेकिन इस बार विभाग बजट की स्वीकृति लेना ही भूल गया। newsfastweb.com
विभागीय सूत्रों से न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के मुताबिक इस वर्ष बजट स्वीकृत नहीं होने की वजह से विभाग के अधिकारी व पुजारी असमंजस में है कि इस बार रुद्राभिषेक होगा या नहीं। ऐसे में पहले सोमवार को भोले शंकर का सरकारी रुद्राभिषेक नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि हर साल विभाग एक सप्ताह पहले मंदिरों की सूची जहां रुद्राभिषेक होना है, वहां के लिए बजट राशि जारी कर देता था। लेकिन इस बार न तो बजट की स्वीकृति ली गई और ना ही सूची। खास बात यह है कि विभाग एक महीने पहले से अपनी वेबसाइट के माध्यम से सावन के चार सोमवार को राजस्थान संस्कृत अकादमी के विद्वान पंडितों से प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली के प्रदेश के लिए प्रत्येक जिले में रुद्राष्टाध्यायी के सस्वर वैदिक पाठ के साथ रुद्राभिषेक करवाने का प्रचार कर रहा है। newsfastweb.com
हर साल मिलता था अलग से बजट
न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के मुताबिक पिछली सरकार में पांच साल से देवस्थान विभाग प्रदेश के अलग-अलग शिवालयों में अपने ही विभाग के पुजारियों से रुद्राभिषेक करवाता था। इसके लिए सरकार करीब दस से बारह लाख रुपए का अलग से बजट जारी करती थी। जया दवे के संस्कृत अकादमी की अध्यक्ष बनने के बाद सरकार ने 2 साल तक रुद्राभिषेक देवस्थान विभाग के पुजारियों से न करवाकर राजस्थान संस्कृत अकादमी के विद्वान पंडितों से रुद्राभिषेक करवाया था। newsfastweb.com
विभाग की ओर से सावन में हर साल प्रदेश के 33 जिलों के 35 शिवालयों तथा प्रदेश के बाहर चार शिवालयों में संभाग के क्रम में हर सोमवार को रुद्राभिषेक करवाया जाता था लेकिन इस बार बजट की स्वीकृति नहीं होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
Kamal kant shrma newsfastweb.com