अब नहीं मिलेगा सस्ता सामान, ‘अन्नपूर्णा भंडार’ पर लगे ताले

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'अन्नपूर्णा भंडार'
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सरकार ने नहीं बढ़ाई अनुबंध की अवधि, भाजपा सरकार ने प्रदेश में लागू की थी योजना

बीकानेर। एक ही छत के नीचे सस्ता और गुणवत्ता का सामान अब लोगों को नहीं मिलेगा। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने ‘अन्नपूर्णा भंडार’ पर ताला लगा दिया है। कमजोर गरीब तबके के लोगों को सस्ता और गुणवत्ता का सामान उपलब्ध करवाने के लिए ये योजना प्रदेश में भाजपा सरकार ने शुरू की थी।

सरकार बदलने के साथ ही सस्ता और शुद्ध सामान दिलाने के लिए शुरू की गई योजना अन्नपूर्णा भंडार पर ताले लग गए हैं। न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के मुताबिक अन्नपूर्णा भंडार योजना के लिए तत्कालीन सरकार की ओर से 20 अगस्त 2015 से 19 अगस्त 2018 तक 3 वर्ष की अवधि के लिए अनुबंध किया था। जो 20 अगस्त 2018 को ही समाप्त हो चुका था। वर्तमान सरकार ने अनुबंध अवधि को ना बढ़ाते हुए अन्नपूर्णा भंडार योजना को बंद कर दिया है।

प्रदेश के ग्रामीण बाहुल्य क्षेत्रों में एक ही छत के नीचे सस्ता और गुणवत्ता का सामान मिले इसके लिए शुरू किए गए अन्नपूर्णा भंडार सरकार बदलने के साथ ही बंद हो गए हैं। न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान सरकार ने अनुबंध अवधि को ना बढ़ाते हुए अन्नपूर्णा भंडार योजना को बंद कर दिया है। ऐसे में अब वहीं दुकाने संचालित होंगी, जिनकी दुकानों पर सामान बचा हुआ है। भाजपा सरकार ने अन्नपूर्णा भंडार योजना शुरू कर राशन डीलरों को उचित मूल्य की दुकान में ही अन्नपूर्णा भंडार खोलने के निर्देश दिए थे। जिसके तहत प्रदेश में 6 हजार अन्नपूर्णा भंडार खोले गए थे। उक्त भंडारों पर सामान सप्लाई का टेंडर मुम्बई की फ्यूचर ग्रुप कंपनी से हुआ था।

डीलरों ने भंडारों को चलाने के लिए लाखों रुपए खर्च करके फर्नीचर बनवाया था। इसके बाद भंडारों को शुरू किया गया था, लेकिन फ्यूचर ग्रुप का टेंडर खत्म हो गया। पूर्व सरकार के जाने के बाद नई सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया और न ही जयपुर बैठे उच्चाधिकारियों ने इसकी परवाह की। जिन भंडारों पर सामान खत्म हो गया है, वह बंद हो गई है। वहीं जिनके पास थोड़ा बहुत सामान बचा हुआ है, वह भंडार चल रहे है।

न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार अन्नपूर्णा भंडार से सरकारी स्कूलों व सरकारी छात्रावास में सामान जा रहा था। ऐसे में अब राजकीय संस्थाओं को बाजार से अन्य दुकानों से मंहगी दर पर सामान खरीदने पड़ेंगे। वहीं अधिकारियों ने बताया कि योजना की ओर ध्यान नहीं देने से योजना बंद गई है। ग्रामीण क्षेत्रों सहित लोगों को सस्ती दर पर किराने का सामान मिल रहा था, जो अब पूरी तरह से बंद होने वाली है। जयपुर बैठे सूत्रों के मुताबिक पिछली सरकार के समय शुरू की गई अन्नपूर्णा भण्डार योजना की समीक्षा करने की बात सरकार की ओर से की जा रही है।

 

 

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